Last Updated: Wednesday, July 11, 2012, 18:52

नई दिल्ली: कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र में मानसून की कमजोर बारिश से सरकार की चिंतायें बढ़ गई हैं। क्षेत्र में उम्मीद से कम बारिश के कारण मोटे अनाज का उत्पादन प्रभावित हो सकता है और पीने के पानी की भी तंगी बढ़ सकती है।
कृषि मंत्री शरद पवार ने मानसून की प्रगति और खरीफ की बुआई की प्रगति की जानकारी देते हुये यहां कहा कि पिछले दस दिन में इन दोनों राज्यों को छोड़कर देशभर में मानसून की स्थिति में सुधार हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बार पवार ने संवाददाताओं को बताया ‘आज की स्थिति के मुताबिक पिछले दस दिनों की तुलना में देशभर में बारिश की स्थिति में निश्चित तौर पर सुधार हुआ है। लेकिन कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।’
पवार ने कहा कि इन दोनों राज्यों में छुटपुट बारिश ही हुई है। उन्होंने कहा ‘इन दोनों प्रदेशों में बाजरा, ज्वार और मक्का जैसे मोटे अनाज के उत्पादन और दोनों राज्यों में पीने के पानी की आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ी है।’ बारिश कम होने का देशभर में खरीफ फसलों की बुआई पर असर के बारे में पवार ने कहा, धान, कपास, गन्ना और तिलहन को लेकर कोई चिंता नहीं है, क्योंकि इन फसलों की बुआई में तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा ‘खरीफ की मुख्य फसल धान की बुआई, प्रगति पर है, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हुई है। धान उत्पादक क्षेत्रों में कोई समस्या नहीं होनी चाहिये।’
गुजरात और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों से अच्छी बारिश से मूंगफली और सोयाबीन की बुआई में सुधार की उम्मीद है। ‘समस्या केवल मोटे अनाज को लेकर है। इनकी स्थिति अच्छी नहीं है। 50 प्रतिशत बुआई हो चुकी है, हालांकि यह अगस्त के पहले सप्ताह तक चल सकती है। अभी समय है।’ बारिश की कमी का खाद्यान्न आपूर्ति और मूल्य पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, खाद्यान्न उपलब्धता की कोई समस्या नहीं है और मूल्यों पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ने जा रहा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 11, 2012, 18:52