Last Updated: Tuesday, September 4, 2012, 00:36

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने चालू वित्त वर्ष में आयकर वसूली का लक्ष्य हासिल हो जाने का विश्वास जताया है और कहा है कि सरकार कर व्यवस्था को स्थिर रखने पर ध्यान देगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कर वसूली विरोधपूर्ण सोच से मुक्त हो।
आयकर के मुख्य आयुक्तों और महानिदेशकों को संबोधित करने के बाद चिदंबरम ने कहा, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कर व्यवस्था में स्थायित्व रहे, कर कानून में स्थिरता हो और कर वसूली में विरोधपूर्ण सोच से मुक्त दृष्टिकोण अपनाया जाए।
चिदंबरम ने कहा, मैंने सभी मुख्य आयुक्तों से कहा है कि वह विरोधी जैसा रवैया अपनाने से बचें, कर वसूली करते समय ऐसा नहीं होना चाहिये। मैंने सभी मुख्य आयकर आयुक्तों से कहा है कि यह संदेश सभी आयुक्तों, सहायक आयुक्तों, उपायुक्तों और आयकर अधिकारियों को दोहरायें।
वित्त मंत्री ने आयकर निर्धारकों से निर्धारित तिथि पर अग्रिम कर का भुगतान करने का सलाह देते हुये कहा, कर का भुगतान करना देश के नागरिक होने का एहसास कराता है। यदि में अधिक कर देता हूं तो मुझे अधिक खुश होना चाहिये और ज्यादा गर्व होना चाहिये। मैं अधिक कमाता हूं और ज्यादा कर देता हूं। कंपनियों को 15 सितंबर तक अग्रिम कर की दूसरी किस्त चुकानी है जबकि व्यक्तिगत आयकर दाताओं को इस तिथि तक आयकर की पहली किस्त का अग्रिम भुगतान करना है।
वित्त मंत्री ने कहा, यह हमारी मंशा है कि हम चालू वित्त वर्ष के लिये तय 5,70,257 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर वसूली लक्ष्य को हासिल करें। हम इसे हासिल कर लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर वसूली फिलहाल 10.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है लबकि तय लक्ष्य हासिल करने के लिये 15 प्रतिशत वृद्धि की आवश्यकता है।
चिदंबरम ने विश्वास जताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कर वसूली में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि भारत अभी भी कम कर लेने वाला देश है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के समक्ष कर का अनुपात 12 प्रतिशत तक बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्ष 2007-08 में कर-जीडीपी अनुपात 11.9 प्रतिशत पर था यह घटकर 10.1 प्रतिशत रह गया है।
चिदंबरम ने कहा, हमारा लक्ष्य वापस 12 प्रतिशत के कर.जीडीपी अनुपात को हासिल करना है। हालांकि, 12 प्रतिशत पर भी भारत दुनिया में सबसे कम कर अनुपात वाला देश होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि करदाताओं को कर विभाग अथवा उसके अधिकारियों से डरने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा, कर विभाग आपके साथ दोस्ताना व्यवहार करेगा, मददगार होगा, कर भुगतान में आपकी मदद करेगा .. कर विभाग के बारे में किसी को भी अनावश्यक डर पालने की जरुरत नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि कर रिटर्न की जांच का यह कतई मतलब नहीं है कि इसमें अनुपालन में कोई गड़बड़ी है। उन्होंने कहा कि आयकर रिटर्न जांच कुल दाखिल रिटर्न का बहुत कम प्रतिशत होता है।
वित्त मंत्री से जब यह पूछा गया कि वह किस तरह से कर वसूली बढ़ायेंगे, उनका जवाब था,कर आधार और लोगों को कर रिटर्न दाखिल करने के लिये प्रोत्साहित कर दोनों तरह से कर वसूली बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। चिदंबरम ने कहा कि कापरेरेट कर की दर इस समय 30 प्रतिशत है जबकि कंपनियों के लिये इसकी प्रभावी कर दर 24 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्र है जो कि औसत से भी नीचे हैं ऐसे मामलों में ज्यादातर कर का औसत 10 से 22 प्रतिशत के दायरे में है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में उन क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है जिन क्षेत्रों में औसत से कम कर लिया जाता है। यदि हम औसत को भी 24 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत तक कर लेते हैं तो हम मोटे तौर पर 30,000 करोड़ रुपये जुटा लेंगे। यह महत्वपूर्ण है कि इस मामले में हम सुनियोजित तरीके से काम करें। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 3, 2012, 16:37