Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 12:07

मुंबई : निजी क्षेत्र की किंगफिशर एयरलाइंस पर सेवा कर बकाया 60 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। कर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के सरकार के फैसले से ऋण के बोझ से दबी एयरलाइन कंपनी से बकाया वसूली की एक छोटी सी किरण जगी है।
किंगफिशर ने कहा है कि उसकी विदेशी एयरलाइंस कंपनियों के साथ एफडीआई लाने के मुद्दे पर बात चल रही है। इस कदम से किंगफिशर से वित्तीय संकट से बाहर निकलने की उम्मीद बंधी है। मुंबई के सेवा कर आयुक्त सुशील सोलंकी ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस लगातार सेवा कर चुकाने में चूक कर रही है। वह साप्ताहिक भुगतान नहीं कर पा रही और उसके ज्यादातर बैंक खाते फ्रीज किए जा चुके हैं।
विभाग ने किंगफिशर के ज्यादातर बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं और यह विमानन कंपनी बेहद सीमित संख्या में उड़ानांे का परिचालन कर रही है। ऐसे में एयरलाइंस के लिए बकाया का भुगतान मुश्किल है, क्योंकि नकदी का प्रवाह बिल्कुल ठहरा हुआ है। बताया जाता है कि किंगफिशर ने पिछले साल नवंबर से यात्रियांे से जुटाए गए सेवा कर को नियमित रूप से जमा नहीं कराया है। वह लगातार इस राशि का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यांे के लिए कर रही है। एयरलाइन द्वारा सेवा कर चुकाने में चूक शुरू होने के बाद से विभाग उसके बैंक खातांे को फ्रीज कर रहा है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 12:07