Last Updated: Friday, January 11, 2013, 16:29

नई दिल्ली: सरकार किंगफिशर एयरलाइंस की परिचालन फिर से शुरू करने के संबंध में 650 करोड़ रुपए की निवेश योजना से संतुष्ट नहीं है। उसे इसमें सक्षम और विश्वसनीय सेवा की गारंटी नहीं दिखती। यह बात आज नागर विमानन महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
अधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि विमानन कंपनी निरंतर, दक्ष और विश्वसनीय तरीके से काम करे। विमानन कंपनी द्वारा सौंपी गई पुनरुद्धार योजना में ऋणदाताओं और कर्मचारियों के बकाया भुगतान से जुड़ी बहुत से बातें हैं जिन्हें देखते हुये हमें लगता है कि कंपनी विश्वसनीय सेवा नहीं दे सकेगी। किंगफिशर एयरलाइन्स का 650 करोड़ रुपए का निवेश कार्यक्रम से उसकी परिचालन फिर से शुरू करने की योजना का हिस्सा है। विमानन कंपनी का लाइसेंस 31 दिसंबर 2012 को रद्द हो गया और उसका परिचालन अक्तूबर से बंद है।
एक अधिकारी ने कहा कि किंगफिशर के अध्यक्ष विजय माल्या द्वारा नागर विमानन महानिदेशालय को पिछले महीने सौंपी गई पुनरुद्धार योजना विश्वसनीय सेवा शुरू करने के लिए पर्याप्त नहीं होने की आशंका है।
अधिकारी ने कहा कि इस योजना में हवाईअड्डा परिचालकों को भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है जो चाहते हैं कि विमानन कंपनी उड़ान शुरू करने से पहले बकाए का भुगतान करे। अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों के वेतन का भुगतान चरणबद्ध तरीके से करने की योजना है जिससे हमें लगता है कि कंपनी विश्वसनीय सेवा प्रदान नहीं कर सकेगी।
उन्होंने बताया कि यदि कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया गया तो वे फिर से काम करना बंद कर सकते हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो सकती है। यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
माल्या ने कल किंगफिशर के कर्मचारियों को एक पत्र लिखा था। एयरलाइंस के कर्मचारियों को आठ महीने से वेतन नहीं मिला। इससे पहले कर्मचारियों ने धमकी दी थी कि यदि प्रबंधन ने अपनी पुनरुद्धार योजना के बारे में उन्हें नहीं बताया तो वे कंपनी अधिनियम के तहत अदालत में कंपनी को बंद करने के लिए याचिका दायर करेंगे।
अपने पत्र में माल्या ने कहा कि हमने डीजीसीए को विस्तृत पुनरुद्धार योजना सौंपी है जो दो हिस्सों में है। पहला हिस्सा है सात विमानों के साथ सीमित शुरूआत जो अगले चार महीने में बढ़ाकर 21 विमान तक हो जाएगी। दूसरे हिस्से में हमारी कंपनी के पूर्ण पुनरुद्धार की योजना 12 महीने के भीतर 57 विमानों के परिचालन से जुड़ी है। इस पत्र में हालांकि कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान के बारे में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन इसमें जिक्र है कि दोनों योजनाओं में कर्मचारियों को बकाया वेतन के भुगतान समेत प्रमुख आशंकाओं और वित्तीय आवश्यकताओं का विस्तृत ब्यौरा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 11, 2013, 16:29