किंगफिशर की सेवाएं दूसरे दिन भी प्रभावित, शेयर 5% लुढ़का

किंगफिशर की सेवाएं दूसरे दिन भी प्रभावित, शेयर 5% लुढ़का

किंगफिशर की सेवाएं दूसरे दिन भी प्रभावित, शेयर 5% लुढ़का नई दिल्ली/मुंबई : छह माह का बकाया वेतन न मिलने की वजह से हड़ताल पर गए इंजीनियरों के साथ कुछ पायलटों और अन्य कर्मचारियों से आने से आज निजी क्षेत्र की किंगफिशर एयरलाइंस का परिचालन लगातार दूसरे दिन प्रभावित रहा। वहीं कंपनी का शेयर 5 प्रतिशत लुढ़क गया। किंगफिशर की टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को इसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई सहित विभिन्न हवाई अड्डों पर यात्रियों और एयरलाइन के कर्मचारियों के बीच गरमा गरमी देखने को मिली।

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलूर के अलावा पुणे, श्रीनगर, जम्मू, इम्फाल, देहरादून तथा धरमशाला से किंगफिशर की 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। वहीं दूसरी ओर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सुरक्षा के मामले में किसी तरह कोताही बरती गई, तो एयरलाइन को उड़ानों का परिचालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नियमों के अनुसार, यदि एयरलाइन के इंजीनियर विमान को उड़ान के लिए सही ठहराने का प्रमाणन नहीं देते हैं, तो विमान उड़ान नहीं भर सकता। स्थिति पर चिंतित डीजीसीए ने कल एयरलाइन के शीर्ष अधिकारियों को दिल्ली बुलाया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अधिकारियों से वेतन भुगतान तथा अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा।

नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा है कि यदि डीजीसीए की रिपोर्ट में यह बात सामने आती है कि किंगफिशर अपनी समय सारिणी का पालन नहीं कर रही है और सुरक्षा नियमां का उल्लंघन कर रही है, तो एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, हम उन्हं तब तक उड़ान की अनुमति नहीं दे सकते जब तक कि विमान को प्रमाणन नहीं मिलता है। उनके इंजीनियर हड़ताल पर हैं और वे यह काम नहीं कर रहे हैं। वे अपने विमानां का अन्य इंजीनियरों से भी प्रमाणन करा सकते हैं। बंबई शेयर बाजार में आज कारोबार शुरू होने के साथ किंगफिशर का शेयर 4.78 प्रतिशत लुढ़ककर निचले सर्किट 15.35 रुपये पर आ गया।

मुंबई में इंजीनियरों और पायलटों के एक दल ने किंगफिशर के कार्यकारी उपाध्यक्ष हितेश पटेल से मुलाकात। कर्मचारियों के अनुसार, पटेल ने कहा है कि जब तक कि पुनर्गठन नहीं होता, विदेशी सहित कोई नया निवेशक नहीं आता, वेतन का भुगतान कर पाना मुश्किल होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या एयरलाइन को बंद किया जाएगा, अजित सिंह ने कहा कि सरकार कारोबार बंद करने के लिए काम नहीं करती।

उन्होंने कहा कि एयरलाइन को बंद करने से कई समस्याएं पैदा होंगी। बेशक किंगफिशर की तीन फीसद की ही बाजार हिस्सेदारी है, लेकिन इससे काफी दिक्कत पैदा हो जाएगी। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जब तक किंगफिशर सुरक्षा नियमों का पालन करती है, उसके पास पांच विमान हैं और 5 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी है, हम कुछ नहीं कर सकते। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 1, 2012, 21:56

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