Last Updated: Tuesday, October 30, 2012, 19:19

नई दिल्ली : किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष विजय माल्या ने आज नागर विमानन सचिव के एन श्रीवास्तव से मुलाकात की और संकट के दौर से गुजर रही कंपनी के पुररूद्धार के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। यह मुलाकात विमान क्षेत्र नियामक डीजीसीए के समक्ष पुनरूद्धार योजना पेश करने से पहले हुई है।
माना जा रहा है कि श्रीवास्तव ने भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) समेत विभिन्न लोगों के बकाये के भुगतान के बारे में माल्या से जानकारी हासिल की। प्राधिकरण ने किंगफिशर से कोलकाता और चेन्नई हवाई अड्डों पर अपने दो हैंगर खाली करने को कहा है। किंगफिशर पर एएआई का 293 करोड़ रुपये बकाया है।
मुलाकात के बाद माल्या ने संवाददाताओं से कहा, मैंने उन्हें पुनरूद्धार और फिर से संचालन शुरु करने की योजना के बारे में बताया। यह एक व्यापक योजना होगी। सभी बाधाओं से पार पा लिया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यूबी समूह के मुखिया और सचिव के बीच करीब 30 मिनट की बातचीत हुई। नियामकीय संकट में फंसने के बाद माल्या पहली बार सचिव से मिले हैं।
संभावना है कि किंगफिशर अपने नियत संचालन परमिट (एसओपी) का निलंबन खत्म करने अथवा उड़ान भरने के लाइसेंस के लिए कुछ सप्ताह में डीजीसीए के पास आवेदन करेगी। इसके लिए कंपनी को डीजीसीए के समक्ष एक व्यापक वित्तीय और संचालन योजना पेश करनी होगी।
किंगफिशर को डीजीसीए को संतुष्ट करना होगा कि वह सुरक्षित और सतत संचालन करने में सक्षम है। इसके बाद ही वह फिर से संचालन शुरु कर सकती है।सूत्रों ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही कंपनी कैसे अपने सेवा प्रदाताओं के बकाये का भुगतान करेगी।
इस बीच, आशंका है कि कंपनी फिर से संकट में पड़ सकती है, क्योंकि राजस्व विभाग ने एयरलाइन से 330 करोड़ रुपये की वसूली की प्रक्रिया को तेज करने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला किया है।
विशेष अनुमति याचिका आयकर विभाग और सेवा कर विभाग द्वारा संयुक्त रूप से दायर की जाएगी। इसके तहत शीर्ष अदालत को बकाया राशि के बारे में बताया जाएगा और साथ ही कर्नाटक उच्च न्यायालय के 26 सितंबर के आदेश को रद्द करने की मांग की जाएगी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग पर किंगफिशर से और वसूली पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
इसके आदेश के बाद आयकर विभाग ने एयरलाइन के बैंक खातों पर लगी रोक हटा दी थी। किंगफिशर पर आयकर विभाग का जहां 269 करोड़ रुपये बकाया है, वहीं उसे सेवा कर विभाग को 60 करोड़ रुपये की अदायगी करनी है। किंगफिशर 8,000 करोड़ रुपये घाटे और 7,524 करोड़ रुपये के रिण बोझ तले दबी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 30, 2012, 16:56