Last Updated: Saturday, October 6, 2012, 20:21

नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने शनिवार को कहा कि संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस को विमानन नियामक डीजीसीए को एक विस्तृत योजना सौंपनी होगी जिसके बाद ही उसे दोबारा उड़ान परिचालन की अनुमति दी जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) किंगफिशर का उड़ान लाइसेंस निलंबित या रद्द करने की कार्रवाई कर सकता है, उन्होंने कहा कि कारण बताओ नोटिस पर कंपनी का जवाब देखने के बाद इस पर फैसला करना नियामक का काम है।
उल्लेखनीय है कि डीजीसीए ने किंगफिशर को शुक्रवार को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर उससे पूछा कि उसका उड़ान लाइसेंस क्यों ना निलंबित या रद्द कर दिया जाए क्योंकि कंपनी ने अपने सभी विमान खड़े कर दिए हैं। डीजीसीए ने कंपनी को जवाब देने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है।
मंत्री ने कहा, यह (निलंबन या निरस्तीकरण) डीजीसीए को तय करना है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे क्या जवाब देते हैं और परिचालन बहाल करने की उनकी योजना क्या है। वे विमान किस तरह से पट्टे पर लेंगे।
नोटिस में डीजीसीए प्रमुख अरुण मिश्र ने कहा कि उन्हें देखने को मिला है कि विमानन कंपनी अपनी उड़ान नियमावली का पालन नहीं कर रही है और पिछले 10 महीनों के दौरान यदाकदा उड़ानें निरस्त करती रही है जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है।
मिश्रा ने कंपनी द्वारा तालाबंदी को भी संज्ञान में लिया है जिसके चलते कंपनी की सभी उड़ानें निरस्त कर दी गईं और विमानन कंपनी नियमों के तहत आवश्यक सुरक्षित, प्रभावी एवं विश्वसनीय सेवाएं मुहैया कराने में विफल रही।
डीजीसीए ने माना कि किंगफिशर एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 के प्रावधानों का पालन नहीं कर रही थी जिसके मद्देनजर उससे पूछा गया है कि इस ‘उल्लंघन’ के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
दिल्ली और मुंबई में आक्रोशित कर्मचारियों ने शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर हाथ में तख्ती लेकर अपने बकाया वेतन की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
वेतन का भुगतान नहीं किए जाने से उपजे वित्तीय संकट के चलते कल राष्ट्रीय राजधानी में किंगफिशर के एक कर्मचारी की पत्नी ने आत्महत्या कर ली। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 6, 2012, 15:28