Last Updated: Saturday, March 3, 2012, 11:13
बेंगलूरु : कंपनी मामलों के मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने शनिवार को संकेत दिया कि नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलाइंस का प्रबंधन पेशेवर तरीके से नहीं हुआ है और ऐसे में अपने ऋणदाताओं को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी प्रवर्तक विजय माल्या पर है।
यह पूछने पर कि क्या किंगफिशर के संकट के लिए कुप्रबंधन जिम्मेदार है और क्या इस विमानन कंपनी को डूबने देना चाहिए मोइली ने संवाददाताओं से एक समारोह के मौके पर कहा ‘ऐसी हमारी सरकार की इच्छा नहीं है, इसे बने रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा ‘सवाल यही ही है कि उन्हें आगे बढ़कर सक्रियता दिखानी चाहिए, इसका अच्छी तरह प्रबंधन करना चाहिए।’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने कहा ‘हमारी विमानन कंपनियों से साथ एक ही दिक्कत है कि उनका पेशेवराना तरीके से प्रबंधन नहीं होता और इनमें इंडियन एयरलाइंस व एयर इंडिया भी शामिल हैं। मुझे लगात है कि हमें इन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है।’
उन्होंने इंडिगो के मुनाफा दर्ज करने की मिसाल देते हुए कहा कि अन्य कंपनियों को उससे सीख लेनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। मोइली ने कहा कि माल्या ने भी उनसे मुलाकात की और उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष को कुछ सुझाव दिए।
उन्होंने कहा ‘माल्या को बैंकरों और अन्य को संभावित समाधान पेश करना है।’ विजय माल्या के नेतृत्व वाली कंपनी पर करीब 7,057 करोड़ रुपए का ऋण है और करीब 6,000 करोड़ रुपए का संचित घाटा है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, March 4, 2012, 10:48