किंगफिशर मामले में हस्तक्षेप नहीं: अजीत सिंह

किंगफिशर मामले में हस्तक्षेप नहीं: अजीत सिंह

किंगफिशर मामले में हस्तक्षेप नहीं: अजीत सिंह ज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली: सरकार के ताजा बयान से किंगफिशर एयरलाइंस को एक बार फिर झटका लगा है। केंद्रीय विमानन मंत्री अजीत सिंह ने मंगलवार को साफ कर दिया है कि किंगफिशर एयरलाइंस के बकाये कर्ज चुकाने या फिर टैक्स संबंधी मुद्दों पर सरकार किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों को बकाये वेतन का भुगतान करना ही किंगफिशर की उड़ानों के लिए पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि किंगफिशर की समस्याएं ज्यादा बड़ी है। क्या बकाया वेतन के भुगतान मात्र से ही किंगफिशर की उड़ानों का सुचारु संचालन संभव हो पाएगा। मुझे नहीं लगता कि ऐसा होना संभव है। उन्हें एक मजबूत वित्तीय प्लान के साथ आना होगा जिससे की किंगफिशर फ्लाइट शिड्यूल को ठीक से जारी रख सकें और इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना होगा।

अजीत सिंह ने कहा कि उन्हें करों का भुगतान करना है। उन्हें परिचालन संबंधी कई बातों को ध्यान में रखना है और इसके बगैर उनकी समस्याएं खत्म नहीं होनेवाली है।

इस बीच किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से सोमवार को किए गए सैलरी की पेशकश को एयरलाइंस कर्मचारियों के एक वर्ग ने ठुकरा दिया है। गौर हो कि किंगफिशर एयरलाइंस ने अपने हड़ताली कर्मचारियों के साथ 23 दिन से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए सोमवार को नई कोशिश की। इसके तहत कंपनी ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को तीन किस्तों में बकाया वेतन देने की पेशकश की है।

दिल्‍ली आधारित एयरलाइंस के कर्मचारियों ने प्रबंधन की इस पेशकश को पूरी तरह नकार दिया है। उनकी मांग है कि चार महीने की सैलरी एक-दो दिनों के अंदर मुहैया करवाई जाए। वहीं, कर्मचारियों के दूसरे वर्ग भी गुरुवार तक अपनी मांग को उठाएंगे। इन हालातों के बीच प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच मसला सुलझता नहीं दिख रहा है।

First Published: Tuesday, October 23, 2012, 16:59

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