किंगफिशर में तालाबंदी खत्म, दिसंबर तक मिलेगा 4 माह का बकाया वेतन

किंगफिशर में तालाबंदी खत्म, दिसंबर तक मिलेगा 4 माह का बकाया वेतन

किंगफिशर में तालाबंदी खत्म, दिसंबर तक मिलेगा 4 माह का बकाया वेतननई दिल्ली : किंगफिशर एयरलाइन्स का कर्मचारियों के साथ करीब महीने भर तक चली खींचतान प्रबंधन द्वारा तालाबंदी खत्म करने और हड़ताली कर्मचारियों को दिसंबर के अंत तक चार महीने के वेतन भुगतान पर सहमति के साथ खत्म हो गई। पायलटों और इंजीनियरों सहित एयरलाइन के कर्मचारियों ने तुरंत प्रभाव से काम पर वापस लौटने का फैसला किया। बावजूद इसके किंगफिशर की उड़ानें शुरू होने में तीन-चार महीने का वक्त लग सकता है क्यों कि नागर विमान महानिदेशालय ने इसका उड्डयन लाइसेंस निलंबित कर रखा है। यह लाइसेंस तभी बहाल होगा जब कि कंपनी डीजीसीए को सुरक्षा संबंधी मामलों के साथ-साथ संचालन की अपनी वित्तीय योजना के बारे में संतुष्ट कर सकेगी। आश्वस्त करना होगा।

हड़ताली पायलटों और इंजीनियरों के साथ-साथ अलग-अलग दौर की बातचीत के बाद विमानन प्रबंधन मार्च का वेतन 24 घंटे के भीतर अदा करने पर सहमत हो गया। कंपनी अप्रैल का वेतन 31 अक्तूबर तक, मई का बकाया मध्य नवंबर में दिवाली से पहले और दिसंबर तक जून का वेतन देने पर सहमत हुई। हड़ताली कर्मचारियों ने धमकी दी थी कि यदि बकाया वेतन का समाधान नहीं निकाला गया तो वे नोएडा में फार्मूला वन ग्रां प्री के मौके पर एयरलाइन के प्रमुख विजय माल्या की उपस्थिति के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इस कार रेसिंग प्रतिस्पर्धा में भाग ले रही एक टीम में माल्या हिस्सेदार हैं।

कर्मचारियों के साथ हुए समझौते के तुरंत बाद माल्या ने ट्वीटर पर अपने संदेश में कहा, ‘किंगफिशर टीम के सभी सदस्य काम पर लौट गए हैं और पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। मैं विश्वास और प्रतिबद्धता के लिए उन सबका शुक्रिया अदा करता हूं।’ यह पूछने पर कि क्या 25 दिन पुरानी तालाबंदी खत्म कर दी गई है, विमानन कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हां, तुरंत प्रभाव से।’ बाद में प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि किंगफिशर को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि कर्मचारी काम पर लौटने और काम शुरू करने के लिए तैयार हो गए हैं। सभी कर्मचारी अब जल्द से जल्द परिचालन फिर से शुरू करने की दिशा में मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।

बयान में कहा गया है, ‘हम अब अपनी परिचालन शुरू करने से जुड़ी जना को अंतिम स्वरूप देंगे और इसे डीजीसीए को सौंपेंगे। उम्मीद है डीजीसीए से जल्दी सहमति मिल जाएगी।’ कंपनी को कर्मचारियों को कुल सात महीने के वेतन का भुगतान करना है। प्रबंधन जो पहले शुरू में तीन महीने का बकाया वेतन निपटाना चाहता था अब वह चार माह का वेतन निपटाने को तैयार हो गया है। एयरलाइन के इंजीनियरों के लिए एक प्रतिनिधि ने कहा कि विमानन कंपनी को नयी पूंजी मिलने के बाद बाकी बकाया वेतन अगले साल मार्च तक निपटाने का भरोसा दिया गया है।

एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी संजय अग्रवाल ने भी कहा कि एयरलाइन में पांच-छह महीनों में नई पूंजी डाली जा सकेगी। हड़ताल, एक अक्तूबर से तालाबंदी और उसके बाद विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा उड़ान लाइसेंस निलंबित करने के कारण 30 सितंबर से किंगफिशर की सभी उड़ानें निलंबित हैं। किंगफिशर को 26 अगस्त 2003 को जारी लाइसेंस की मियाद इस साल 31 दिसंबर तक है। इस संकटग्रस्त विमानन कंपनी के पास जहां पिछले साल 66 विमान थे अब उसके पास मात्र सात एयरबस ए-320 और तीन एटीआर टबरे-प्राप्स श्रेणी के विमान हैं। विमानन कंपनी 8,000 रुपए के नुकसान और 7,524 करोड़ रुपए के ऋण में डूबी है।

नकदी संकट से जूझ रही किंगफिशर एयरलइन के गतिरोध के बारे में नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा था कि वेतन बड़ा मुद्दा है और कंपनियों को भुगतान किया जाना चाहिए। लेकिन इससे बड़ा मुद्दा है डीजीसीए को उनका वित्तीय आश्वासन दिया जाना। उन्होंने कहा था कि इस एयरलाइन पर विमानपत्तन प्राधिकार, कंपनियों, गिरवी पर विमान देने वाली कंपनियों का बकाया है इसलिए यह सिर्फ कर्मचारियों के वेतन का सवाल नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 25, 2012, 15:13

comments powered by Disqus