Last Updated: Monday, October 22, 2012, 09:09

नई दिल्ली/मुंबई : संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के हड़ताली कर्मचारियों ने रविवार को कहा कि समस्या के समाधान के लिए वे प्रबंधन से मिलेंगे। कर्मचारियों के 20 दिन की हड़ताल पर जाने की वजह से विमानन कंपनी उड़ान का संचालन नहीं कर पाई और उड्डयन नियामक ने शनिवार को उसका उड़ान लाइसेंस निलम्बित कर दिया। हड़ताल पर गए एक वरिष्ठ अधिकारी ने नई दिल्ली में कहा कि हम सोमवार को प्रबंधन के साथ मुम्बई में एक बैठक करेंगे। हम चाहते हैं कि एयरलाइंस संचालन शुरू करे।
अधिकारी ने कहा कि कंपनी की तरफ से दिए गए किसी भी प्रस्ताव को हम स्वीकार करेंगे बशर्ते वह तार्किक हो और हमारी न्यूनतम मांगों को पूरी करता हो। संकटग्रस्त विमानन कंपनी का संचालन बंद होने से 6500 कर्मचारियों की नौकरी दांव पर लगी हुई है। कुल मिलाकर सभी कर्मचारियों का एक दिन वेतन 21 करोड़ रुपये के आसपास बैठता है।
विमानन कंपनी ने शुक्रवार को एक अक्टूबर को घोषित तालाबंदी की अवधि को बढ़ाकर 23 अक्टूबर कर दिया था। कर्मचारी मार्च से लंबित अपने वेतन की मांग को लेकर एक अक्टूबर को अचानक हड़ताल पर चले गए थे। उनका यह भी कहना है कि लगातार वेतन नहीं मिलने की वजह से उनका मनोबल नीचे गिरा है जिससे संचालन स्तर पर भी खतरा व्याप्त है। नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि विमानन कम्पनी संचालन फिर से शुरू करने के संबंध में वाजिब योजना प्रस्तुत करने में असफल रहती है, तो उसका लाइसेंस रद्द हो सकता है।
संचालन फिर से शुरू करने की तर्कसंगत योजना पेश करने में कम्पनी की अक्षमता को कारण बताते हुए डीजीसीए ने शनिवार को विमानन कम्पनी का लाइसेंस निलम्बित कर दिया था। उल्लेखनीय है कि कम्पनी पिछले साल हर सप्ताह 2,930 उड़ानों का संचालन करती थी, लेकिन कर्ज बढ़ने और कर्मचारियों के काम छोड़ने के कारण इसकी संख्या लगातार घटती गई। सितम्बर माह में विमानन कम्पनी की बाजार हिस्सेदारी न्यूनतम 3.5 फीसदी रह गई थी। कम्पनी पर अभी कुल 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
एक साल पहले कंपनी के बेड़े में 66 विमान थे, जो घटकर सिर्फ 10 रह गए हैं। कम्पनी यात्रियों की संख्या में देश की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कम्पनी भी थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 22, 2012, 09:08