Last Updated: Wednesday, February 13, 2013, 08:38

मुंबई : किंगफिशर को कर्ज दे रखे बैंकों ने संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बकाया 7,500 करोड़ रुपये ऋणों की वसूली करने का अंतत: निर्णय कर लिया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक उच्च अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कंपनी प्रतिनिधियों के साथ यहां दो घंटे चली बैठक के बाद एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक (मिड-कारपोरेट) श्यामल आचार्य ने संवाददाताओं को बताया कि हमने किंगफिशर को दिए गए ऋणों की वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किया है। हालांकि, प्रत्येक बैंक का बोर्ड भावी कार्रवाई पर निर्णय करेगा। बैठक में एसबीआई की अगुवाई में पांच बैंकों के अधिकारियों और कंपनी के सीईओ संजय अग्रवाल व यूबी समूह के अध्यक्ष व सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) रवि नेदुंगडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बाद में नेदुंगडी ने बताया कि हम बैंकों के समूह से औपचारिक सूचना मिलने के बाद इस बारे में कोई बयान देंगे। यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है जब किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या कंपनी के कर्मचारियों को उनकी 11 महीने की बकाया तनख्वाह देने का वादा कर चुके हैं और साथ ही उन्होंने आगामी ग्रीष्मकालीन सारणी के साथ परिचालन दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया है।
आचार्य ने कहा कि विमानन कंपनी के प्रबंधन द्वारा परिचालन दोबारा शुरू करने के संबंध में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और बैंकों को लगता है कि कंपनी को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बैंकों का 6,360 करोड़ रुपये का ऋण बाकी है। वहीं ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज को शामिल करने पर कुल बकाया 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 13, 2013, 08:38