केंद्र की प्रायोजित योजनाओं के विलय को मंजूरी

केंद्र की प्रायोजित योजनाओं के विलय को मंजूरी

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र से प्रायोजित 147 विभिन्न योजनाओं का विलय कर इनकी संख्या 70 तक करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी। योजना आयोग की सिफारिश पर यह निर्णय चालू 12वीं पंचवर्षीय योजनावधि में केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के कार्यान्वयन को और बेहतर बनाने के लिए किया गया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।’ पिछले महीने कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के एक समूह ने विभिन्न योजनाओं को मिला कर इनकी संख्या घटाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।

मंत्रिसमूह ने हर योजना के तहत एक फ्लेक्सी-फंड (लचीला-कोष) प्रणाली बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी। इस प्रस्ताव के व्यवस्था के तहत राज्य सरकारें सीएसएस के लिए आवंटित 10 प्रतिशत नीधि मुख्य कार्यक्रम के दायरे में अपने हिसाब से खर्च कर सकते हैं। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के बेहतर उपयोग के लिए मंत्रिसमूह ने इस बात पर सहमति जताई थी कि केंद्र सरकार के कोष को सीधे कार्यान्वयन एजेंसियों को देने की बजाय राज्यों की समेकित निधि में हस्तांतरित किया जाए।

योजनाओं के विलय का यह प्रस्ताव चतुर्वेदी समिति की सिफारिशों के अनुरूप है। समिति ने विभिन्न योजनाओं को मिलाकर इनकी संख्या 147 से घटाकर 59 योजनाओं में तब्दील करने का सुझाव दिया था। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के पुनर्गठन से जुड़े मंत्रिसमूह का गठन कृषि और आदिवासी मामलों के मंत्रालयों के बीच मतभेद दूर करने के लिए किया गया था जो उक्त क्षेत्र के विकास के लिए कुछ योजनाओं को बरकरार रखना चाहत था। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में भी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को पुनर्गठित कर इन्हें 70 योजनाओं में रखने की घोषणा की थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 20, 2013, 14:05

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