Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 18:31

नई दिल्ली : केंद्र ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी मौजूदा 325 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3,500 करोड़ रुपए करने की दिल्ली सरकार की मांग को केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा केंद्र ने दिल्ली को केंद्रीय वित्त आयोग से स्थानीय निकायों को वित्तपोषण पर अन्य राज्यों के समान मानने की मांग भी स्वीकार कर ली है। दिल्ली सरकार ने आज यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कल वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ बजट पूर्व बैठक में ये मांगे रखी थीं। बैठक में दीक्षित ने केंद्रीय करों में हिस्सेदारी में उल्लेखनीय इजाफे की मांग की थी जो 2001-02 से 325 करोड़ रुपए पर ही थमा हुआ है। हालांकि इस दौरान सालाना योजना 2001-02 के 8,973 करोड़ रुपए से 2012-13 में 33,436 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से केंद्रीय वित्त आयोग से स्थानीय निकायों को सीधे वित्तपोषण के मामले में दिल्ली को अन्य राज्यों के समान मानने की भी मांग रखी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार दीक्षित ने कहा कि राज्य सरकार ने वैट, उत्पाद, संपत्तियों के पंजीकरण तथा मोटर वाहन कर के मामले में बेहतर कर प्रशासन के जरिए अपने खुद के संसाधन जुटाए हैं और इससे केंद्रीय करों में कम हिस्सेदारी के अंतर को पाटा है। चिदंबरम ने मुख्यमंत्री को उनकी मांगों पर विचार का आश्वासन दिया।
First Published: Thursday, January 17, 2013, 18:31