Last Updated: Friday, March 15, 2013, 20:32

नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बंगाल की खाड़ी में केजी-डी6 ब्लॉक के लगभग 55 प्रतिशत हिस्से को छोड़ने की पेशकश की है। हालांकि, यह पेशकश पेट्रोलियम मंत्रालय की मांग से बहुत कम है।
जानकार सूत्रों ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसी सप्ताह मंत्रालय को पत्र लिखकर कृष्णा गोदावरी घाटी ब्लॉक में 4,266 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र छोड़ने की इच्छा जताई। इसका कुल क्षेत्र 7,645 वर्ग किलोमीटर है।
यह पेशकश ऐसे समय में की गई है जबकि मंत्रालय कंपनी से केजी डी6 ब्लाक में लगभग 5,970 वर्ग किलोमीटर इलाका छोड़ने को कहने की तैयारी कर रहा है।
अनुबंध के लिहाज से कंपनियों को पहले चरण के उत्खनन के बाद तेल एवं गैस ब्लाक में 25 प्रतिशत हिस्सा छोड़ना होता है। दूसरे चरण के बाद कंपनियों को 50 प्रतिशत हिस्सा छोड़ना होता है। तीसरे चरण के बाद कंपनियों को वही हिस्सा रखने की अनुमति होती है जहां कोई खोज हुई हो।
रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा इसकी सहयोगी निको रिसोर्सेज (कनाडा) को केजी डी डब्ल्यूएन-98:3 या केजी डी6 ब्लाक 2000 में आवंटित हुआ था। इसका तीन साल का पहला चरण सात जून 2003 में समाप्त हो गया। दो साल का दूसरा चरण सात जून 2005 तथा तीसरा चरण सात जून 2007 को समाप्त हो गया।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने 2006 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी जिसके तहत पूरे क्षेत्र को ही खोज क्षेत्र घोषित किया गया और यह कंपनी के पास बना रहा। इस फैसले की पुष्टि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति और उसके बाद तेल मंत्री ने की। हालांकि सरकारी नियंत्रक कैग अपनी रिपोर्ट में इसकी कड़ी आलोचना की थी। कैग ने पूरे क्षेत्र को खोज क्षेत्र घोषित करने और उसे रिलायंस के पास बनाये रखने पर सरकार की खिंचाई की थी।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय ने अभी तक रिलायंस इंडस्ट्रीज को क्षेत्र छोड़ने का आदेश जारी नहीं किया। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 15, 2013, 20:32