Last Updated: Friday, May 3, 2013, 19:39

नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने कहा है कि संविधान ने उनकी इस सरकारी आडिट संस्था को अपनी जिम्मेदारी पूरी करने तथा बिना रोक-टोक आडिट करने का पर्याप्त अधिकार दे रखा है।
ऑल इंडिया रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में राय ने कहा, ‘हमें और अधिकारों की जरूरत नहीं है। संविधान निर्माताओं ने बड़ी ईमानदारी से कैग की भूमिका तय की है। दायरे और अधिकार दोनों उचित तरीके से परिभाषित किए गए हैं। कैग को इतने अधिकार और इतनी छूट है कि वह बिना अवरोध के आडिट का अपना काम कर सकता है।’
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला ब्लाक आवंटन मामले में कैग की आडिट रपट की कड़ी आलोचना की थी। राय ने हालांकि कहा कि आडिट की के दौरान उन्हें सरकार से किसी प्रकार का दबाव नहीं झेलना पड़ा। राय ने कहा, ‘सरकार और अन्य एजेंसियां कैग की स्वतंत्रता का सम्मान करती हैं। रिपोर्ट तैयार करते समय मुझे कभी किसी प्रकार का दबाव नहीं झेलना पड़ा।’ उन्होंने कहा कि आडिट किसी परियोजना की असफलता या खामियों को दर्शाता है।
कैग रिपोर्ट के सरलीकरण संबंधी सवाल पर राय ने कहा, ‘मेरे विभाग का और मेरा निश्चित रूप से मानना है कि हमारे जो भी निष्कर्ष होते हैं उन्हें लोक लेखा समिति (पीएसी) व संसद में रखकर बहस कराई जाए। हमें बड़ी भूमिका निभाने की जरूरत है क्यों कि भारत की संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम आदमी ही सबसे बड़ा हिस्सेदार है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, May 3, 2013, 19:39