Last Updated: Monday, March 11, 2013, 22:19
नई दिल्ली : केक, चाकलेट बनाने वाली प्रमुख कंपनी कैडबरी द्वारा कथित तौर पर उत्पाद शुल्क चोरी में लिप्त रहने के बाद अब कंपनी को आयकर मांग का नोटिस भी जारी हो सकता है।
कंपनी पर हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी इकाई के लिये उत्पाद शुल्क छूट का लाभ उठाने का आरोप है जो कि उस समय अस्तित्व में आई ही नहीं थी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह आयकर मांग की पहल केंदी्रय उत्पाद जांच महानिदेशालय :डीजीसीईआई: द्वारा कंपनी को 252 करोड़ रुपए का वसूली नोटिस भेजने के बाद हो रही है। कैडबरी ने हिमाचल प्रदेश में बद्दी में नयी इकाई के अस्तित्व में आने से पहले ही कथित तौर पर क्षेत्र में मिलने वाली रियायतों का फायदा उठाया। कंपनी से इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने की कोशिश नाकाम रही।
सूत्रों ने बताया कि उत्पाद शुल्क छूट के अलावा कैडबरी ने इस इकाई में उत्पादन से हासिल मुनाफे में भी गलत तरीके से आयकर छूट का दावा किया। केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में लगने वाली औद्योगिक इकाइयों को उत्पादन शुरु होने की तिथि से शुरूआती पांच साल तक आयकर में 100 फीसद छूट दी जाती है जिसके बाद अगले पांच साल के दौरान कंपनियों के लिये 30 फीसद और कंपनी के अलावा अन्य इकाइयों के लिए 25 फीसद कर छूट दी जाती है।
हालांकि, पहाड़ी राज्यों को दी गई इस छूट का लाभ उठाने की अनिवार्य शर्त यह है कि औद्योगिक इकाई की स्थापना मार्च 2010 से पहले होनी चाहिये। डीजीसीइआई की जांच के मुताबिक पाया गया कि कंपनी ने दावा किया कि उसका वाणिज्यिक उत्पादन जून 2009 में शुरू हो गया था। सूत्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग ने वाणिज्यिक उत्पादन का प्रमाणपत्र जनवरी 2011 में जारी किया था जिससे स्पष्ट है कि बद्दी इकाई ने वाणिज्यिक उत्पादन मार्च 2010 तक शुरू नहीं किया था। कंपनी ने सारी छूट :उत्पाद एवं आयकर: का लाभ गलत तरीके से उठाया। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 11, 2013, 22:19