कॉल सेंटर विधेयक अमेरिकी संसद में पेश - Zee News हिंदी

कॉल सेंटर विधेयक अमेरिकी संसद में पेश




 

ह्यूस्टन : अमेरिका में अब उन कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है जो विदेशों में अपने कॉल सेंटर चला रही हैं। इसके पीछे अमेरिकी सरकार का मकसद नौकरियों के अवसर विदेशों में जाने से रोकना है। हालांकि, इस विधेयक को लेकर दलों के बीच में एकमत नहीं है। विधेयक में उन कंपनियों को जो विदेशों में कॉल सेंटर चलाएंगी संघीय सरकार की तरफ से कर्ज पर गारंटी नहीं दी जाएगी।

 

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में ‘काल सेंटर वर्कर एण्ड कंज्यूमर प्रॉटक्शन एक्ट’ नामक विधेयक पेश किया गया। विधेयक रिपब्लिकन सांसद टिम बिशप और डेविड मैककिनले ने यह विधेयक पेश किया है। इसमें प्रावधान है कि अपने काल सेंटर विदेश स्थानांतरित करने वाली कंपनियां संघीय सरकार से अनुदान या गारंटीशुदा ऋण पाने की पात्र नहीं रह जाएंगी।

 

विधेयक को अमेरिका से नौकरियां भारत जैसे देशों को स्थानांतरित होने पर काबू पाने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। बिशप ने कहा कि आउटसोर्सिंग हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अभिशाप है और यही कारण है कि हम बेरोजगारी दर को नीचे लाने के जूझ रहे हैं।

 

रिपोर्ट के अनुसार इस संरक्षणवादी कानून के तहत अमेरिका की बड़ी कंपनियों (कारपोरेशन) के लिए विदेशों में काम कर रहे ग्राहक सेवा प्रतिनिधियों को आग्रह पर अपने कार्यस्थल की जानकारी देनी होगी। उन्हें कॉल करने वाले को उसकी काल वापस अमेरिका स्थित कॉल सेंटर में स्थानांतरित करने का विकल्प भी देना होगा। इसके तहत श्रम मंत्री को उन नियोक्ताओं की सूची भी रखनी होगी जिनके काल सेंटर विदेश में है। कंपनियों को काल सेंटर विदेश में स्थानांतरित करने से पहले 120 दिन का नोटिस देना होगा।

 

विधेयक को अमेरिकी कॉलसेंटर में काम करने वाले डेढ लाख कर्मचारियों के संगठन ‘कम्युनिकेशंस वर्कर्स ऑफ अमेरिका (सीडब्ल्यूए)’ का मजबूत समर्थन प्राप्त है। सीडब्ल्यूए की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी कंपनियों के लिए विदेशों में काम कर रहे कॉल सेंटर सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा हैं, क्योंकि इनमें धोखाधड़ी रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं। इसमें भारत सहित विभिन्न देशों में काम कर रहे कॉल सेंटर का जिक्र किया गया है।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 20, 2011, 20:19

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