Last Updated: Thursday, August 30, 2012, 20:59

नई दिल्ली : कोयला घोटाले मामले में सीबीआई उन 12 कंपनियों की जांच पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिन्हें ‘फास्ट ट्रैक’ श्रेणी में लाइसेंस दिया गया है लेकिन अब तक आवंटित कोयला खान के खनन का काम शुरू नहीं हुआ है। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में सिर्फ दो दिन बचे हैं।
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि खनन कार्य बिल्कुल शुरू नहीं होने की खबर के बीच सीबीआई का दल कोयला मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों से मिला और उक्त 12 कोयला खानों से जुड़े दस्तावेज मांगे जिनमें से 9 छत्तीसगढ़ और तीन झारखंड में हैं। इसके अलावा मंत्रालय से कार्रवाई रपट मांगी गई है। केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश के मुताबिक प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने की अवधि इस शनिवार को खत्म हो रही है। जांच एजेंसी ने अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक जांच से जुड़ी पड़ताल की तीन महीने की समयसीमा खत्म हो रही है इसलिए सीबीआई ने झारखंड के लिए और दल भेजे हैं और एजेंसी अन्य मंत्रालयों व राज्य सरकारों से संबंधित दस्तावेज इकट्ठा कर रही है। सूत्रों ने बताया कि कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने सीबीआई को सूचित किया कि उसने उन कुछ कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिन्हें खानें आवंटित की गई थीं। उनसे खनन में देरी की वजह पूछी गई। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ कंपनियों को 2005 में कोयला खानों का आवंटन किया गया था और उन्होंने अब तक खनन शुरू नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक इससे जुड़े एक घटनाक्रम में सीबीआई कुछ कंपनियों के पहले के परिचालन क्षेत्र की भी जांच कर रही है जिन्हें झारखंड, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में कोयला खानें दी गई थीं।
इनमें से कुछ कंपनियां सिर्फ कोयला खान प्राप्त करने के लिए बनाई गई थीं और बाद में मुनाफे के साथ इन खानों को अन्य कंपनियों को किराए पर दे दिया गया। सीबीआई ने 2005-09 के दौरान आवंटित कोयला ब्लाक की निगरानी कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 30, 2012, 20:59