Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 21:23
नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में आज हैदराबाद की नवभारत पावर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों से पूछताछ की। कंपनी द्वारा कोल ब्लाकों के लिए आवेदन करते समय गलत जानकारी देने के मामले में यह पूछताछ की गई है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि कंपनी के प्रवर्तक और निदेशकों वाई हरीश चंद्र प्रसाद तथा पी. त्रिविक्रमा को जांच एजेंसी के मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि कंपनी के दोनों अधिकारियों से 2006 में कोल ब्लॉक के लिए आवेदन करते समय कंपनी के नेटवर्थ को लेकर किए गए दावे के बारे में पूछा गया। कंपनी को 2008 में रम्पिया तथा रम्पिया कोल ब्लॉक की गहरी खदान आवंटित की गई थी।
सीबीआई ने कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधक कानून के प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने बताया कि कोल ब्लॉक हासिल करने के लिए कंपनी ने अपने नेटवर्थ को बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपए दिखाया। सीबीआई का आरोप है कि कोल मंत्रालय ने प्रस्तावित बिजलीघर की अधिकतम क्षमता पर प्रति मेगावाट 50 लाख रुपए की न्यूनतम नेटवर्थ का मानदंड रखा था।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कंपनी 2,240 मेगावाट की प्रस्तावित क्षमता के साथ इस मानदंड को पूरा नहीं करती थी। सीबीआई का आरोप है कि कंपनी के प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी एस्सार पावर और उसकी सहायक कंपनी को 200 करोड़ रुपये के भारी मुनाफे पर बेची थी। हालांकि, एस्सार पावर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि नवभारत पावर प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से किया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 21:23