Last Updated: Tuesday, September 4, 2012, 00:07
नई दिल्ली : कोयला खानों के आवंटन को लेकर उठे विवाद के बीच एक अंतरमंत्रालयी समूह की बैठक में सोमवार को 58 कोयला खानों के आवंटन को रद्द करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया लेकिन खाने विकसित करने में विफल रहने वाली फर्मों की बैंक गारंटी जब्त करने जैसे ठोस दिशा निर्देश तैयार किए हैं।
अंतर मंत्रालयी समूह छह, सात और आठ सितंबर को आवंटियों को बुलाकर उनसे समय सीमा के भीतर उत्पादन शुरु नहीं करने की वजह जानना चाहेगा। इसमें जिंदल स्टील एण्ड पावर, टाटा स्टील, एस्सार पावर, आर्सेलर मित्तल, स्टरलाइट एनर्जी और रिलायंस पावर जैसी कंपनियों को वजह बताने के लिए बुलाया जा सकता है।
अंतर मंत्रालयी समूह की करीब तीन से चार घंटे लंबी चली बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, कोयला खान आवंटन मामले में कोयला खान आवंटियों के खिलाफ किसी भी कारवाई की सिफारिश करने से पहले कोयला नियंत्रक की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक हुई ताजा प्रगति पर भी गौर किया जाएगा।
समूह ने कोयला खान के विकास में तय लक्ष्य हासिल करने में असफल रहने पर बैंक गारंटी में आनुपातिक कटौती के बारे में दिशानिर्देशों को मजबूती दी है।
बैठक से जुड़े सूत्रों के अनुसार समिति इन 58 कोयला ब्लॉक के बारे में कारवाई की सिफारिश 10 सितंबर को कोयला सचिव के समक्ष प्रस्तुत करेगी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि समूह ने इन 58 ब्लॉक की समीक्षा करते समय आवंटन रद्द किए जाने दंडात्मक कारवाई पर कोई चर्चा नहीं की।
अंतर मंत्रालयी समूह में हुए विचार विमर्श के परिणाम की घोषणा कोयला मंत्रालय 15 सितंबर को कर सकता है।
समूह का गठन जुलाई में किया गया था। कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जोहरा चटर्जी इसकी प्रमुख हें। इसका गठन उन कोयला ब्लाक आवंटियों के खिलाफ कारवाई के बारे सिफारिश को किया गया था जिन्होंने उत्पादन के लिए तय समय सीमा का पालन नहीं किया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 4, 2012, 00:07