Last Updated: Tuesday, July 23, 2013, 19:49
नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय तथा कोल इंडिया लि. के कर्मचारी संगठनों के बीच विनिवेश मुद्दे पर बैठक आज बेनतीजा रही। हालांकि श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि श्रमिकों के बीच अशांति की आशंका नहीं है।
कोल इंडिया लि. (सीआईएल) के कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार सार्वजनिक उपक्रम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की दिशा में आगे बढ़ती है तो वे हड़ताल पर जाएंगे। कोल इंडिया से संबद्ध ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद जायसवाल ने कहा, कर्मचारियों के आंदोलन या हड़ताल की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे यह कहने की कोई आवश्यकता नहीं है कि ट्रेड यूनियनों ने कौने से मुद्दों को उठाया और हमने कौन से मामले उठाये। आज की बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। कोल इंडिया में विनिवेश के संदर्भ में बातचीत आगे जारी रहेगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि कोल इंडिया के ट्रेड यूनियनों के साथ कोयला मंत्रालय की अगली बैठक 30 जुलाई को होने वाली है और निर्णय कोल इंडिया के कर्मचारियों के पक्ष में किये जाएंगे। बैठक को बनतीजा बताते हुए ट्रेड यूनियन के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कोल इंडिया के करीब 3.6 लाख कर्मचारी सार्वजनिक उपक्रम में हिस्सेदारी बेचे जाने का विरोध कर रहे हैं।
इंडियन नेशनल माइनवर्कर्स फेडरेशन के महासचिव ए क्यू जमा ने यहां संवाददाताओं से कहा, चिंता इस बात को लेकर है कि आखिर विनिवेश की सीमा क्या है। सरकार अगले साल भी 10 प्रतिशत विनिवेश का फैसला कर सकती है। अत: इससे कोल इंडिया का सार्वजनिक उपक्रम को जो एक चरित्र है, वह कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में इस बात पर विचार किया जाएगा कि क्या इसका कोई और विकल्प है।
सरकार की फिलहाल कोल इंडिया में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इससे पहले, इंडियन नेशनल माइनवर्कर्स फेडरेशन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर सरकार महारत्न कंपनी में और हिस्सेदारी बेचने के निर्णय पर आगे बढ़ती है तो कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। हिंद मजदूर सभा तथा भारतीय मजदूर संघ समेत चार अन्य ट्रेड यूनियन भी हिस्सेदारी बेचे जाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 23, 2013, 19:49