Last Updated: Wednesday, September 11, 2013, 20:41
मुंबई : क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने आज मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया और कहा कि मंदी के मौजूदा दौर में उंची वृद्धि की एकमात्र उम्मीद कृषि क्षेत्र से है। क्रिसिल ने इससे पहले 2013-14 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
एजेंसी ने इसके साथ ही आगाह किया कि है कि कमजोर राजस्व वृद्धि के कारण राजकोषीय घाटा सरकार के 4.8 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक हो सकता है। एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष में यह 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
क्रिसिल की प्रबंध निदेशक रूपा कुडवा ने संवाददाताओं से कहा, हमारे समक्ष मौजूदा अनेक मुद्दों के चलते हमारा अनुमान है क वित्त वर्ष 2014 के लिए जीडीपी वृद्धि दर दशक के निचले स्तर 4.8 प्रतिशत पर रहेगी। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हम सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं लेकिन यहां से तीव्र सुधार की कोई संभावना नहीं है। कुडवा ने कहा कि अच्छे मानसून के कारण कृषि क्षेत्र में कुल जीडीपी वृद्धि दर को बढाकर 5.2 प्रतिशत करने की गुंजाइश है।
उन्होंने कहा,हमें लगता है कि मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रहेगी जो कि पिछले साल की तुलना में दोगुनी है। हालांकि अगर यह आंकड़ा छह प्रतिशत तक चला जाता है तो कुल जीडीपी वृद्धि दर बढकर 5.2 प्रतिशत हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण मांग बढने से वृद्धि के लिए बड़ी मदद मिल सकती है।
क्रिसिल को इस बार टै्रक्टरों की बिक्री में16-18 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है जो पिछले साल दो प्रतिशत थी। दुपहिया वाहनों की बिक्री 2.9 प्रतिशत की तुलना में इस बार 4-6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज कर सकती है। पिछले साल आर्थिक वृद्धि 5 प्रतिशत थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 11, 2013, 20:41