Last Updated: Sunday, October 14, 2012, 20:11
नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन मंत्रालय का मानना है कि क्षेत्रीय एयरलाइंस अभी तक सफल नहीं हुई हैं। ऐसे में अब मंत्रालय ने इसके कारणों की समीक्षा करने और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने के कदमों पर विचार करने का फैसला किया है। इसके अलावा मंत्रालय रूट आवंटन दिशानिर्देशों (आरडीजी) का भी पुनर्गठन करेगा। इसके तहत भारतीय विमानन कंपनियों को पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह जैसे आर्थिक दृष्टि से अव्यवहारिक, लेकिन सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर उड़ानों का परिचालन करना होता है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस बात की समीक्षा करने का फैसला किया गया है कि भारत में क्षेत्रीय एयरलाइंस सफल क्यों नहीं हो पा रही हैं और साथ ही क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को प्रोत्साहन देने की जरूरत पर भी विचार किया जाएगा। इस अध्ययन के लिए मंत्रालय ने एक सलाहकार फर्म की नियुक्ति का फैसला किया है, जो इन मुद्दों का गहराई से अध्ययन करेगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी सुधारने के उपाय बताएगा। अधिकारी ने कहा कि इस अध्ययन के नतीजांे से इस नीति का मसौदा तैयार करने का आधार बनेगा।
आरडीजी के पुनर्गठन के अलावा मंत्रालय एयरलाइंस कंपनियों से छोटे विमानों की खरीद के लिए भी कहेगा, जिससे वे छोटे शहरों के लिए छोटे रनवे के जरिये उड़ान भर सकें। सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में नए हवाई अड्डों के विनिर्माण तथा मौजूदा के उन्नयन के लिए भारी भरकम योजना बनाई है। दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में यह काम किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 14, 2012, 20:11