खाद्य सुरक्षा सब्सिडी में कटौती न हो : मोंटेक

खाद्य सुरक्षा सब्सिडी में कटौती न हो : मोंटेक

खाद्य सुरक्षा सब्सिडी में कटौती न हो : मोंटेकनई दिल्ली : खाद्य सुरक्षा को सब्सिडी बजट में प्राथमिकता देनी चाहिए और यदि सरकार के लिए सब्सिडी दे पाना संभव न हो तो उसे अन्य सब्सिडी में कटौती करनी चाहिए न कि इसमें। यह बात योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कही। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है और सरकार की नीति नहीं।

उन्होंने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि खाद्य सुरक्षा को सब्सिडी बजट में पहला स्थान दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा लगता है कि मूल रूप से राजकोषीय समस्या है और हमारे लिए सब्सिडी देना संभव नहीं है, तो हमें अन्य सब्सिडी में कटौती करनी चाहिए न कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ी सब्सिडी पर।’

अहलूवालिया ने बजट बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैं सरकार की नीति पर बात नहीं कर रहा हूं लेकिन मेरे विचार से यह विद्रूपता पैदा करने वाली नीति है।’ उन्होंने कहा कि उर्वरक सब्सिडी को घटाकर आधा कर देना चाहिए, क्योंकि क्योंकि इससे मिट्टी के पोषक तत्व प्रभावित हो रहे हैं और रसायनिक उर्वरकों के दायरे में सरकार यूरिया पर बहुत अधिक सब्सिडी दे रही है।

अहलूवालिया ने कहा, ‘हम रसायनिक उर्वरक को सब्सिडी दे रहे जैविक उर्वरक को नहीं। रसायनिक उर्वरक ने मिट्टी के पोषक तत्व को प्रभावित किया है। रासायनिक उर्वरक के में हम यूरिया को जरूरत से ज्यादा सब्सिडी दे रहे हैं, यदि आप मुझसे पूछें तो हमें उर्वरक सब्सिडी को मौजूदा स्तर से आधे पर ले आना चाहिए।’

पेट्रोलियम सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने के पक्ष में योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि यह नुकसानदेह और अनुचित है क्योंकि पेट्रोल का उपयोग आमतौर पर उच्च आय वर्ग वाले लोग करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘पेट्रोलियम सब्सिडी को जल्दी खत्म करना चाहिए। यह नुकसानदेह और अनुचित है क्योंकि इससे गरीबों को मदद नहीं मिलती।’ अहलूवालिया ने यह भी कहा कि घरेलू ऊर्जा की कीमत को वैश्विक कीमत के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।

सरकार ने पेट्रोलियम सब्सिडी बिल 43,580 करोड़ रुपये, खाद्य सब्सिडी 75,000 करोड़ रुपये और उर्वरक सब्सिडी 60,974 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है जिससे 2012-13 में कुल सब्सिडी बिल 1,79,554 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2013-14 के बजट में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के मुकाबले ईंधन, खाद्य और उर्वरक सब्सिडी को 11 फीसद घटाकर करीब 2.20 लाख करोड़ रुपये रखने का प्रस्ताव किया है ताकि बढ़ते राजकोषीय घाटे को कम किया जा सके। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 3, 2013, 13:43

comments powered by Disqus