खुद निवेश करें या निवेश के लिए दूसरों को दें पीएसयू : चिदंबरम

खुद निवेश करें या निवेश के लिए दूसरों को दें पीएसयू : चिदंबरम

खुद निवेश करें या निवेश के लिए दूसरों को दें पीएसयू : चिदंबरमनई दिल्ली : वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि भारी नकदी पर बैठे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) को अपने अधिशेष धन का खुद निवेश करना होगा या इसे निवेश के उद्देश्य के लिए किसी और को देना होगा। एक अनुमान के अनुसार कुछ सार्वजनिक कंपनियों के पास इस समय 2.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अधिशेष धन है।

चिदंबरम ने साक्षात्कार में कहा, `निश्चित रूप से, सार्वजनिक कंपनियों के अधिशेष धन को बैंकों में रख कर नहीं छोड़ा जा सकता। अधिशेष धन का निवेश करना होगा, या तो वे (सीपीएसई) इसे निवेश करें या वे इसे किसी ऐसे को दें जो इसका निवेश कर सकें। सरकार निवेश को बल देने तथा वृद्धि को बढाने के लिए इस तरह के अधिशेष धन के उपयोग के लिए दिशा निर्देशों पर काम कर रही है।` चिदंबरम से जब यह पूछा गया कि अधिशेष धन के निवेश के लिए नए नियम कब तक आने की अपेक्षा है, उन्होंने कहा, `कई तरह के विचार हैं जो चर्चा में चल रहे हैं लेकिन मैंने इस बारे में कोई अंतिम पर्चा नहीं देखा है।`

पिछले साल सरकार ने लोक उप्रकम विभाग (डीपीई) की एक समिति गठित की थी जो कि पीएसयू के अधिशेष धन के निवेश पर दिशा निर्देशों की समीक्षा करेगी। यह समिति शक्तिकांता दास की अध्यक्षता में गठित की गई थी। समिति ने अपनी रपट हाल ही में वित्त मंत्रालय को विचार के लिए सौंपी है। समिति ने अपनी मसौदा रपट में अनेक निवेश विकल्प सुझाए हैं जिनमें साझा कोष, सावधि जमा, सरकारी प्रतिभूतियां शामिल हैं। इस समय इस तरह की सार्वजनिक कंपनियों द्वारा अधिशेष्ज्ञ धन के निवेश के बारे में डीपीई ने अनेक नियम जारी किए हुए हैं।

इसी साल 13 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय पीएसयू को निर्देश दिया था कि वह अपने अतिरिक्त धन का निवेश करें या अधिक लाभांश का भुगतान करेंगे ताकि इसका इस्तेमाल रोजगार सृजन या वृद्धि को बल देने में किया जा सके। इस बारे में हुई बैठक में एनटीपीसी, पीजीसीआईएल, आयल इंडिया, इंडियन आयल कारपोरेशन, एनपीसीआईएल के चेयरमैन भी मौजूद थे। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 4, 2013, 17:32

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