Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 20:03

नई दिल्ली : खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से अगले 10 साल में एक करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे जिससे यह संगठित रोजगार वाला सबसे बड़ा क्षेत्र बन जाएगा। यह बात इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) की रिपोर्ट में कही गई।
आईएसएफ ने कहा कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से अगले 10 साल में रोजगार के करीब 40 लाख प्रत्यक्ष मौके और अनुबंध पर नियुक्ति समेत अप्रत्यक्ष रोजगार के करीब 50-60 लाख मौके पैदा होंगे।
आईएसएफ ने सरकार द्वारा खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को स्वीकृति देने का स्वागत किया और कहा कि इससे संगठित खुदरा क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और इसका रोजगार के मौके पर सकारात्मक असर होगा।
मंत्रिमंडल और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले शुक्रवार को सुधार संबंधी बड़े फैसले किए जिसमें बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई, भारतीय विमानन कंपनियों में विदेशी विमानन कंपनियों द्वारा निवेश को मंजूरी और चार सरकारी कंपनियों के विनिवेश को मंजूरी दी।
आईएसएफ ने कहा उम्मीद है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का संगठित रोजगार पर ज्यादा असर होगा जितना पिछले 12 साल में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के प्रसार के कारण हुआ, क्योंकि इससे कम कुशलता प्राप्त और कम शिक्षित लोगों के लिए भी दरवाजा खुलेगा। इससे पूरे देश पर व्यापक असर होगा।
छोटे विनिर्माताओं, उत्पादकों और किसानों तथा संगठित खुदरा श्रंखला के साथ जुड़े होने की वजह से आपूर्ति श्रंखला चलाने वाले और दूसरी सुविधायें उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को भी इससे लाभ होगा। सामान आपूर्ति से उन्हें अधिक आय होगी। खुदरा क्षेत्र के विदेशी निवेश के लिये खुलने के बाद क्षेत्र में आने वाली मांग के अनुरुप कुशल कर्मियों को तैयार करने की चुनौती होगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 20:03