Last Updated: Monday, November 28, 2011, 11:21
नई दिल्ली : खुदरा व्यवसाय में विदेशी निवेशकों को प्रवेश देने की सरकार की नई नीति के जबर्दस्त राजनीतिक विरोध के बीच देश के शीर्ष वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने इस नीति का समर्थन किया है। फिक्की ने कहा है कि इससे देश में निवेश और रोजगार बढ़ेगा।
फिक्की ने इस क्षेत्र के बारे में विशेष नियमन व्यवस्था का भी सुझाव दिया है। फिक्की महासचिव राजीव कुमार ने सोमवार को यहां इस विषय पर एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा, रिटेल एफडीआई से छोटे और मझोले उद्योगों को फायदा होगा और किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिलेगा। उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा।
कुमार ने कहा कि खुदरा कारोबार में बड़े उद्योगों की अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिये एक नियामक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, खुदरा क्षेत्र के लिए नियामक संस्था होना एक बेहतर सोच होगी, इससे खुदरा कारोबार में बड़े उद्योगों की अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
उल्लेखनीय कि कुमार ने इससे पहले दिल्ली की ही एक आर्थिक शोध संस्था इंडियन कौशिल फार रिसर्च एण्ड इंटरनेशल इकोनामिक रिलेशन्स (इक्रीएर) के निदेशक के रूप में खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश पर एक अध्ययन तैयार की थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को दी गयी रिपोर्ट में इस क्षेत्र को विदेशी निवेशकों के लिए खोलने की सिफारिश की थी।
सरकार ने बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र का दरवाजा खोलते हुए इसमें 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने का फैसला किया है। एकल ब्रांड में भी शतप्रतिशत एफडीआई खोल दिया गया है। सरकार के इस निर्णय को लेकर संसद में उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी पार्टियों के साथ साथ सरकार के सहयोगी दल भी इस निर्णय के विरोध में हैं।
(एजेंसी)जारी
First Published: Monday, November 28, 2011, 16:52