Last Updated: Sunday, November 18, 2012, 22:16

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज खुलासा किया कि सामान्य कर परिवर्जनरोधी नियम (गार) में संशोधनों को अंतिम रूप दे दिया गया है। चिदंबरम ने साक्षात्कार में कहा, `मैंने आयकर कानून के अध्याय 10ए में संशोधनों को अंतिम रूप दे दिया है। अब यह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास जाएगा और उसके बाद हम संशोधनों के साथ तैयार होंगे। इसके बाद गार नियमों में संशोधित अध्याय 10 ए आ जाएगा।` उन्होंने कहा, `इसकी तैयारी चल रही है और मेरी राय में काम लगभग पूरा हो गया है। ड्राफ्टिंग का काम पूरा हो चुका है। इसलिए, गार नियंत्रण में है। मैंने फैसले कर लिए हैं जिन पर प्रधानमंत्री तथा उसके बाद मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जानी है।` आयकर कानून का अध्याय 10 ए निवेश के कराधान से जुड़ा है।
गार विदेशी निवेश के जरिये कर बचाव के खिलाफ विवादास्पद कानून है। 2012-13 के बजट मे इसका प्रस्ताव कर अपवंचना रोकने के लिए किया गया था लेकिन घरेलू तथा विदेशी निवेशकों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। इनकी आंशका है कि कर अधिकारियों को ज्यादा अधिकार मिले तो निवेशकों का उत्पीड़न होगा। सरकार ने बाद में उनकी चिंताओं पर विचार करने के लिए कर विशेषज्ञ पार्थसारथी शोम की अध्यक्षता में समिति गठित की।
इस साक्षात्कार में चिदंबरम ने विभिन्न विषयों पर खुलकर बात की जिनमें विनिवेश तथा स्पेक्ट्रम बिक्री लक्ष्य हासिल करने को लेकर उनकी आशावादिता, सुधार कदमों को आगे बढ़ाने का विश्वास शामिल है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के साथ संबंधी विरोधी नहीं हैं। सोम समिति ने अपनी रपट में कर कानूनों में पिछली तारीख से बदलाव के बारे में सुझाव दिए थे। चिदंबरम ने इस बारे में कहा, `सीबीडीटी ने अपनी राय दे दी है। मैंने अपने स्तर पर फैसले कर लिए हैं। मसौदा तैयार किया जा रहा है। यह पीएमओ में जाएगा उसके बाद मंत्रिमंडल के पास।` प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बड़ा मामला है। चिदंबरम ने कहा, `हमने अब काम शुरू कर दिया है। आज सुबह मैंने इस पर दो घंटे काम किया। इससे पहले भी कई घंटे काम कर चुका हूं। हम इस पर विचार कर रहे हैं। हमने नक्शा बना लिया है. अंतिम फैसला करेंगे।`
चिदंबरम ने कहा कि सरकार निवेश इंजन को चलाए रखना चाहती है और सरकार `बेहतर माहौल` बनाने के लिए कदम उठा रही है। इसके साथ ही चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.5 से छह प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने पास मौजूद अतिरिक्त नकदी का निवेश करें या फिर उसे खोने के लिए तैयार रहें जबकि औद्योगिक घरानों को निवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा, `आज निवेश को लेकर अनिच्छा है क्योंकि उन्हें :उद्योग को: निवेश में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें आर्थिक हालात भी बहुत अनुकूल नजर नहीं आते हैं। मेरा मानना है कि हमने सितंबर में जो कदम उठाये थे उनसे यह भय कुछ कम हुआ है लेकिन कुछ हद तक यह अब भी है। अब हमें ब्यौरे में जाना होगा, हर पीएसयू, हर क्षेत्र तथा हर औद्योगिक घराने तक कि वे क्यों निवेश नहीं कर रहे हैं। निवेश करें, यही प्रयास है।`
चिदंबरम ने कहा कि किसी भी पीएसयू को निवेश के लिए अपनी घोषित प्रतिबद्धता से हटने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के प्रदर्शन का आंकलन इसी आधार पर किया जाएगा कि उन्होंने घोषित निवेश में से कितना निवेश किया। चिदंबरम ने कहा, `अब हम व्यक्तिगत औद्योगिक घरानों से बातचीत कर रहे हैं और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनके पास बड़ी नकदी है। हम क्षेत्रवार भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि निवेश में क्या बाधाएं हैं और उन्हें दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन निवेश इंजन चालू रखना होगा।` वित्तमंत्री ने कहा, `यह चल चुका है लेकिन पूरी गति से नहीं चल रहा है। निवेश इंजन शुरू हो गया तो अगले साल परिणाम आने लगेंगे। इस्पात तथा सीमेंट मांग में रहेंगे और इससे लघु एवं मध्यम उद्यमों, सम्बद्ध उदयोगों में निवेश आएगा तथा और अधिक रोजगार पैदा होगा।`
वित्तमंत्री ने कहा कि आटोमोबाइल तथा आवास सहित कुछ उद्योग खड़े हुए हैं लेकिन टिकाउ तथा गैर टिकाउ उपभोक्ता सामान खंड में ऐसा नहीं है। चिदंबरम ने कहा, `इसलिए, मुझे उम्मीद है कि इंजन शुरू होगा और उसके बाद आगे बढ़ेगा। और उसके बाद मुझे लगता है कि निवेश गति पकड़ेगा। निवेश बढ़ने के बाद मुझे विश्वास है कि हम उंची वृद्धि दर की ओर लौटेंगे। यह कठिन साल है।` उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल तथा पार्टी-सरकार को चुनौती की प्रकृति से पूरी तरह जागरूक कर दिया गया है। चिदंबरम ने विश्वास जताया कि वह इस अवसर का उपयोग विपक्ष तथा संसद को इस मुद्दे पर जागरूक कर पायेंगे।
उन्होंने कहा, `दुखी होने की कोई बात नहीं है। हम अब भी उन तीन या चार सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं जो अच्छी खासी दर से बढ़ रही हैं। लेकिन हमें तेजी से गति पकड़नी होगी ताकि उंची वृद्धि दर की राह पर लौट सकें।` चिदंबरम ने इसके साथ ही अब और अगले बजट के बीच किसी राजकोषीय कदम की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि कर के मोर्चे पर केवल बजट में ही कुछ होगा। उन्होंने कहा, `राजकोषीय मोर्चे पर अब कुछ भी बजट में ही होगा। इसलिए मेरी किसी राजकोषीय कदम की योजना नहीं है। कोई बड़ा राजकोषीय विधायी कदम उठाया जाने वाला नहीं है।` (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 18, 2012, 15:26