Last Updated: Friday, August 3, 2012, 18:05

गांधीनगर: केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में सूखे पर बनी अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह ने आज गुजरात को फौरी सहायता के तौर पर ग्रामीण पेय जल के लिए 480 करोड़ रुपए जारी करने की मंजूरी दी। मत्रिसमूह ने इसके साथ ही प्रदेश में मनरेगा के तहत प्रति परिवार न्यूतनम दिहाड़ी 100 से बढ़ाकर 150 प्रति व्यक्ति किए जाने का भी निर्णय लिया।
पवार और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने प्रदेश में कम बारिश से उत्पन्न स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की। बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी भी थे। गुजरात सरकार ने मंत्रिसमूह को सूखा राहत के लिए 14,683 करोड़ रुपए की मांग का एक ज्ञापन दिया।
पवार ने राज्य सरकार इन मांगों को दो हिस्से में बांटने को कहा जिसमें एक हिस्सा तात्कालिक सहयता के लिए और दूसरा इस साल पूरी अवधि में सूखे के कारण पैदा हालाल से निपटने की जरूरत जरूरत के हिसाब से प्रस्तुत करने को कहा गया है। राज्य में अब तक औसत से 25 फीसद कम बारिश हुई है। अनावृष्टि से सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं।
बैठक के बाद रमेश ने कहा ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिसमूह को तुरंत राहत कोष जारी करने का अधिकार दिया है और हमने राज्य में ग्रामीण पेय जल के लिए 480 करोड़ रुपए जारी करने का फैसला किया है।’ रमेश ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत गुजरात में काम मिलने की अवधि 100 से बढ़ाकर 150 कर दी गई है ताकि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को ज्यादा काम मिल सके।
पवार ने कहा कि बारशि का आंकड़ों से यह साबित होता है कि सौराष्ट्र और कच्छ की स्थिति खराब है जबकि राज्य के अन्य इलाकों में कम बारिश हुई है। पवार ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को तुरंत राहत सहायता और पूरे साल के लिए दीर्घकालिक सहायता के लिए अलग-अलग मांगपत्र सौंपने का निर्देश दिया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 3, 2012, 18:05