Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 18:21
नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने अपने उत्खनन कारोबार के जोखिम को कम करने के लिए गैस के खुदरा कारोबार में उतरने की योजना बनाई है। ओएनजीसी का इरादा ओएनजीसी गैस लि. के जरिये शहर गैस वितरण कारोबार में उतरने का है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी अपनी इस नई सहायक इकाई के जरिये शहर गैस वितरण कारोबार तथा आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की बिक्री करेगी।
इस नई इकाई के जरिये ओएनजीसी लाभकारी गैस कारोबार क्षेत्र में न उतरने की अपनी पिछली गलती को भुलाना चाहती है। देश की सबसे बड़ी गैस उत्पादक कंपनी का प्रतिदिन का उत्पादन 5.5 करोड़ घनमीटर है, इसके बावजूद इस पर्यावरणनुकूल ईंधन के विपणन में उसकी मौजूदगी नहीं है। उसकी सारी गैस का विपणन सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया लि. के माध्यम से होता है। यहां तक कि नए क्षेत्रों से गैस विपणन का अधिकार भी ओएनजीसी ने छोड़ा हुआ है और साथ ही पेट्रोनेट एलएनजी लि. द्वारा आयातित एलएनजी का अधिकार भी उसके पास नहीं है।
देश की सबसे बड़ी एलएनजी आयातक पेट्रोनेट एलएनजी में ओएनजीसी की हिस्सेदारी 12.5 प्रतिशत की है। इतनी ही हिस्सेदारी गेल और इंडियन आयल कारपोरेशन तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के पास है। जहां अन्य कंपनियां पेट्रोनेट द्वारा आयातित एलएनजी के एक हिस्से की बिक्री करती हैं, वहीं ओएनजीसी ने कभी भी अपने बिक्री अधिकार की मांग नहीं की। इसके अलावा ओएनजीसी ने मंगलोर में एलएनजी आयात सुविधा विकसित करने की योजना भी छोड़ दी है। लेकिन अब सुधीर वासुदेव के तहत ओएनजीसी एक बार फिर से प्राकृतिक गैस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 9, 2012, 23:51