Last Updated: Saturday, March 17, 2012, 10:25
नई दिल्ली : मकान खरीदना और उसका निर्माण अब बढ़ जाएगा। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा कल पेश 2012-13 के बजट में सेवा कर में दो प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। रीयल्टी क्षेत्र की कंपनियों का कहना है कि इससे महत्वपूर्ण कच्चे माल सीमेंट और इस्पात के दाम बढ़ जाएंगे।
सस्ते मकान को छोड़कर अन्य संपत्तियों के दाम सेवा कर को 10 से बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने की वजह से बढ़ जाएंगे। अचल संपत्ति के स्थानांतरण पर एक प्रतिशत की स्रोत की कर कटौती (टीडीएस) से मकान खरीदना महंगा हो जाएगा। शहरी क्षेत्र में टीडीएस 50 लाख रुपये या अधिक की संपत्ति पर काटा जाएगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 20 लाख रुपये और ऊपर की संपत्ति पर।
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के अनुसार, अचल संपत्ति पर टीडीएस के प्रावधान को गैर जरूरी, जनता को परेशान करने वाला और संसाधनों को अपव्यय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में लोग टीडीएस की वसूली के लिए आयकर दफ्तर के चक्कर काटने को विवश होंगे। रीयल एस्टेट कंपनियों के प्रमुख संगठन केड्राई के चेयरमैन प्रदीप जैन ने कहा कि संपत्ति की खरीद और बिक्री पर टीडीएस लागू करने और सेवा कर में दो फीसदी की वृद्धि के संपत्ति की कुल लागत बढ़ेगी।
रीयल्टी क्षेत्र की सलाहकार डीटीजेड ने कहा कि सेवा कर में वृद्धि से मध्य और उच्च वर्ग में घर के खरीदारों पर बोझ बढ़ जाएगा। 75 लाख रुपये के मकान पर टीडीएस का बोझ 40,000 रुपये होगा। हालांकि, डीटीजेड ने कहा कि सस्ते मकान निषेधात्मक सूची में हैं इसलिए उसे सेवा कर की छूट मिली हुई है। इससे सस्ते मकानों को बढ़ावा मिलेगा।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, March 17, 2012, 15:55