Last Updated: Wednesday, March 20, 2013, 22:12

नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने अपने परिवार के एक न्यास के लिए कंपनियों से धन लेने के संबंध में अपने पद के दुरुपयोग के आरोप को खारिज करते हुए कहा उन्होंने चंदे के लिए कभी किसी कंपनी को फायदा नहीं पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आईटीसी ने उनके परिवार द्वारा चलाए जाने वाले किसान सभा ट्रस्ट को कापरेरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत धन मुहैया कराने के लिए संपर्क किया था जो एक शैक्षणिक संस्था चलाता है और जहां स्कूल छोड़ चुके बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है।
मोइली ने यहां कहा ‘‘उनका प्रस्ताव स्वीकार करने से पहले मैं पता लगाया कि कहीं आईटीसी का कोई प्रस्ताव मंत्रालय में लंबित तो नहीं है। चार-पांच महीने की जांच के बाद हमें पता लगा कि कुछ भी लंबित नहीं है और यदि अनुदान स्वीकार किया जाता है तो उसके बदले कंपनी को कोई फायदा नहीं मिलेगा।’’ जब आईटीसी ने पेशकश की थी तब वह कापरेरेट मामले के मंत्री थे। जांच करने के बाद मैंने अपने बेटे (हर्ष) से कहा कि मंत्रालय में कोई मामला लंबित नहीं है इसलिए आईटीसी की पेशकश स्वीकार की जा सकती है।
मोइली ने कहा कि संगठन 1968 में बना था जब वह विधायक तक नहीं थे। यह न्यायस 1992 से महात्मा गांधी रेजिडेंशिल हाइ स्कूल (एमजीआरएचएस) चला रहा है जहां स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा ‘‘हमने शुरू के 10-15 साल अपने खर्च से संस्थान चलाया।’’
इससे पहले उन्होंने अपने बयान में कहा था ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि इस ट्रस्ट के लिए चंदा लेने के एवज में किसी भी कंपनी को किसी भी मौके पर फायदा नहीं पहुंचा या मदद नहीं की।’’ उन्होंने कहा कि कोई भी ट्रस्ट के खातों की जांच कर सकता है। मोइली ने कहा कि उनके पुत्र हर्ष पेशेवर व्यक्ति हैं और स्वतंत्र रुप से मोक्ष युग ऐक्सेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमवाईए) नाम की एक कंपनी चलाते हैं। वह किसान सभा ट्रस्ट के न्यासी हैं।
उन्होंने कहा ‘‘उन पर सिर्फ इसलिए निशाना साधा जा रहा है कि वह राजनीतिक नेता के पुत्र हैं।’’ हर्ष मोइली ने कल एक बयान में कहा था, ‘‘मोक्ष युग ऐक्सेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमवाईए) ने मेरे पिता के सरकार में शामिल होने से काफी पहले 2008 में पेशेवर निवेशकों से धन हासिल किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एमवाईए के निवेशकों ने 2007 में कंपनी की परिसंपत्तियों और देनदारियों की जांच की थी और मार्च 2008 में उद्यम पूंजी कंपनियों ने उसमें निवेश किया ।’’ एम वीरप्पा मोइली 2009 में संप्रग-2 के सत्ता में आने के बाद कानून मंत्री बने थे और 2011 में वह कॉरपोरेट मामलों के मंत्री बनाए गए। रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक्जीक्यूटिव अनंत रवि की भूमिका पर मंत्री ने कहा कि हर्ष उनसे (रवि से) 1999 से जुड़े हैं।
मोइली ने कहा, ‘‘उन्होंने (रवि) दिसंबर 2011 से जुलाई 2012 के बीच एमवाईए के मार्गदर्शक की भूमिका निभाई और उस समय वह रिलायंस में नहीं थे। अगस्त 2012 में रिलायंस में फिर से जाने पर वह खुद सलाहकार बोर्ड से हट गए।’’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 20, 2013, 22:12