Last Updated: Thursday, August 2, 2012, 02:00
ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : डॉट के पूर्व अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा के निजी सचिव रहे आरके चंदोलिया ने उनसे नई आवेदनों को स्वीकार न करने के लिए कहा था। 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिए यूनिटेक समूह के फर्मों द्वारा आवेदनों को दिए जाने के बाद किसी अन्य आवेदन को लेने से रोक लगाने को कहा था।
टूजी मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई के गवाह के तौर पर पेश हुए श्रीवास्तव ने कहा कि 24 सितंबर, 2007 को चंदोलिया ने उनसे कहा था कि यूनिटेक के आवेदनों के सिर्फ उसी दिन ही जमा किया जाएगा। 24 सितंबर, 2007 तक 167 आवेदन आ गए थे। चंदोलिया ने मुझसे पूछा था कि क्या यूनिटेक समूह के आवेदन जमा हो गए हैं। इसके बाद मैंने डीलिंग सेक्शन से जानकारी लेने के बाद उन्हें जवाब दिया और बताया कि उस समय तक यूनिटेक समूह के आवेदन सेक्शन में जमा नहीं हुए थे।
उधर, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच से सामने आए एक मामले में मुकदमे का सामना कर रहे एस्सार समूह और लूप टेलीकॉम के कर्ताधर्ताओं को आज दिल्ली की एक अदालत ने कल से 26 अगस्त तक विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने इस संबंध में एस्सार समूह के प्रमोटरों रवि रुइया और अंशुमान रुइया और लूप टेलीकॉम के प्रमोटर आई पी खेतान तथा किरण खेतान की याचिकाओं को मंजूर कर लिया। उनके वकील ने कहा था कि उनका मामला 27 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है और वे उस दिन कार्यवाही में भाग लेने के लिए वापस आ जाएंगे।
First Published: Thursday, August 2, 2012, 02:00