चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 5% से अधिक होगी: वित्त मंत्रालय

चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 5% से अधिक होगी: वित्त मंत्रालय

चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 5% से अधिक होगी: वित्त मंत्रालयनई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन और निवेश गतिविधियों में सुधार आने के साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत से अधिक रहेगी। मंत्रालय ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये और कदम उठाने का भी वादा किया।

वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा ‘यह (जीडीपी वृद्धि) 5 प्रतिशत से अधिक रहेगी, यह 5 प्रतिशत से कम नहीं हो सकती।’ मायाराम से यह पूछा गया था कि निजी क्षेत्र के कई विश्लेषकों द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

मायाराम ने इस बात को लेकर विश्वास व्यक्त किया कि बुवाई क्षेत्र बढ़ने, योजना व्यय की गति तेज होने और मंत्रिमंडल की निवेश समिति द्वारा मंजूर परियोजनाओं के असर से वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि की गति तेज होगी।

मायाराम ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि आर्थिक वृद्धि फिर से जोर मारने लगी है, ऐसे में मुझे पूरा विश्वास है कि माहौल बेहतर होगा और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा, हम देखेंगे कि और क्या कदम उठाये जा सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि विनिर्माण, बिजली क्षेत्र और पूंजीगत सामानों के क्षेत्र में जुलाई में सुधार के संकेत हैं और बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में भी अगस्त में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि टिकाउ उपभोक्ता सामान की वृद्धि जो कि जुलाई में नकारात्मक रही है आने वाली तिमाहियों में त्यौहारी मांग के चलते तेज होगी।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान आर्थिक वृद्धि पिछले चार साल के न्यूनतम स्तर 4.4 प्रतिशत रही। इससे पहले वर्ष 2012-13 के दौरान आर्थिक वृद्धि पिछले एक दशक के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत पर रही।

मायाराम ने कहा,‘दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि पहली तिमाही से बेहतर होगी। हमें आर्थिक वृद्धि को और बढ़ावा देना होगा। जहां तक ब्याज दरों की बात है, यह पूरी तरह से रिजर्व बैंक के हाथ में हैं और रिजर्व बैंक गवर्नर इस मामले को देखेंगे।’

रिजर्व बैंक दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की घोषणा 29 अक्तूबर को करेंगे। मायाराम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा (कैड) 70 अरब डॉलर यानी जीडीपी के 3.7 प्रतिशत से कम होगा। उन्होंने कहा कि पहली तिमाही के दौरान कैड का 4.9 प्रतिशत पर बढ़ा हुआ स्तर मुख्यतौर पर सोने के ऊंचे आयात की वजह से रहा।

इस वित्त वर्ष में सोने का आयात 800 टन से नीचे रखा जायेगा। पिछले वित्त वर्ष में सोने का आयात 845 टन रहा था। उन्होंने कहा, ‘हमें पूरा यकीन है कि कैड 70 अरब डॉलर से कम होगा और कैड का वित्तपोषण विदेशी मुद्रा भंडार से धन निकाले बिना ही कर लिया जायेगा।’

अमेरिकी सरकार का कामकाज बंद होने के सवाल पर मायाराम ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि यह गतिरोध जल्द दूर होगा ताकि इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर नहीं पड़े। फिलहाल इस मुद्दे को लेकर मुझे भारतीय अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर पड़ता नहीं दिखाई देता।’

अमेरिकी संसद में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच बजट खर्च को लेकर सहमति नहीं बन पाने की वजह से सरकार का कामकाज रक गया है। मुख्यतौर पर राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम को लेकर मतभेद बरकरार हैं, और यही वजह है कि बजट को लेकर सहमति नहीं बन पाई। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 16:09

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