चिदंबरम ने यूरोपीय निवेशकों को दिया भरोसा

चिदंबरम ने यूरोपीय निवेशकों को दिया भरोसा

चिदंबरम ने यूरोपीय निवेशकों को दिया भरोसा फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) : आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार राजकोषीय और चालू खाते के घाटे सीमित करेगी ताकि देश की अर्थव्यवस्था पुन: आठ फीसदी की वृद्धि दर की राह पर वापस लौट सके।

भारत में निवेश के असरों की जानकारी देने के लिए यहां आयोजित एक विशेष सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था 2004-08 के दौरान दर्ज वृद्धि दर को पुन: प्राप्त करने की राह पर है। इस कार्यक्रम में यूरोप की प्रमुख कंपनियों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानाओं के करीब 200 प्रतिनिधि शामिल थे।

समूह से कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि भारत अगले 20-30 साल तक उच्च गति से वृद्धि कर सकता है। यूरोपीय निवेशकों को आकषिर्त करने के लिए जर्मनी की वित्तीय राजधानी फ्रैंकफर्ट में इस कार्यक्रम की मेजबानी ड्यूश बैंक और बाक्र्लेज बैंक ने की। चिदंबरम ने निवेशकों को आकषिर्त करने के हाल में हांगकांग और सिंगापुर में भी लिए इसी तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था।

भारत ने वैश्विक वित्तीय संकट से पहले नौ फीसद की भी वृद्धि दर दर्ज की थी जो 2008-09 में घटकर 6.7 फीसद रह गया। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 5.7 फीसद रहने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य समस्या इस समय राजकोषीय घाटा और चालू खाते का बढता घाटा है।

सरकार द्वारा राजकोषीय घाटे को कम करने की पहल का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में किसी भी स्थिति में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 फीसद के स्तर से बढ़ने नहीं दिया जाएगा। चिदंबरम ने इस अवसर पर कुछ उद्यमियों के साथ अलग से भी बैठकें कीं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 29, 2013, 14:22

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