Last Updated: Monday, January 28, 2013, 11:13

दावोस : वैश्विक श्रम बाजार में चीन की तुलना में भारत अपनी युवा और अंग्रेजी बोलने वाले श्रमबल की वजह से लाभ की स्थिति में है। मानव संसाधन सलाहकार मैनपावर ने यह बात कही है।
मैनपावर समूह के अध्यक्ष (वैश्विक कारपोरेट एवं सरकारी मामले) डेविड आर्कलेस ने कहा, इसके बावजूद भारत सरकार और कंपनियों को भविष्य के लिए कौशल की जरूरत पर समझ बनाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्हें इसी के मद्देनजर अपनी युवा आबादी को प्रशिक्षित करने की जरूरत है, जिससे रोजगार बाजार में आपूर्ति और मांग का संतुलन कायम रखा जा सके।’’
विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में शामिल होने आए आर्कलेस ने कहा कि वह भारतीय श्रम बाजार को लेकर उम्मीदवान हैं, हालांकि वैश्विक स्तर पर स्थितियांे में उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने ग्राहकों को बता रहे हैं कि भविष्य में एक चीज ही निश्चित है और यह है अनिश्चितता। हम जानते हैं कि उतार चढ़ाव रहेगा। हम अपने सभी सहयोगियों को कह रहे हैं कि यह सामान्य बात है।’’ भारतीय श्रम बाजार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह उभरते बाजारों का परंपरागत श्रम बाजार नहीं है। ‘‘यह एक अलग प्रकार का प्रतिभा वाला बाजार है। भारतीय अर्थव्यवस्था चीन तथा दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अलग तरीके से काम करती है।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, January 28, 2013, 11:13