Last Updated: Sunday, April 22, 2012, 10:51
वाशिंगटन : भारत में सुधारों की गति थमने का बयान देकर आलोचन का सामना कर रहे मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु को अब लगता है कि अगले छह महीनों में देश में ‘कुछ महत्वपूर्ण सुधार’ देखने को मिलेंगे जिनमें सब्सिडी कम करने, डीजल को आंशिक तौर पर नियंत्रणमुक्त करने व खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति देने जैसे शामिल हो सकते हैं।
हालांकि, उन्हें लगता है कि ‘सबसे बड़ा सुधार’ जीएसटी (वस्तु व सेवा कर) लागू करना कुछ कठिन हो सकता है क्योंकि यह अच्छा है और वर्तमान व्यवस्था में इस पर आम सहमति नहीं बन पा रही है। बसु ने यह भी कहा कि 2014 में यूरोपीय संघ में एक और गंभीर संकट खड़ा होने का जोखिम है और ऐसे में ऐसे उचित कदम उठाने की जरूरत है कि कोई और बड़ा वैश्विक आर्थिक संकट न खड़ा हो।
गत बुधवार को बसु ने अमेरिका में एक अध्ययन संस्थान में अपने व्याख्यान के दौरान यह कह कर राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी कि भारत में 2014 के आम चुनाव तक आर्थिक नीति में कोई बड़ा सुधारात्मक कदम उठाए जाने की संभव नहीं है। उनके इस बयान पर देश में भारी आलोचना समालोचाना हो रही है।
बसु ने प्रेट्र के साथ एक भेंटवार्ता में कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि जो सुधार होंगे उनमें एक सब्सिडी संबंधी सुधार है। वित्त मंत्री अपने बजट में इस बारे में चर्चा कर चुके हैं। हम यूआईडी :विशिष्ट पहचान संख्या: प्रणाली का इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे जिससे सब्सिडी का लीकेज बंद हो । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इससे राजकोषीय घाटे में कमी लाने में मदद मिलेगी.. इसलिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण सुधार है जो मुझे लगता है कि होगा।’’
First Published: Monday, April 23, 2012, 15:45