जयराम रमेश ने जीएम खाद्य पर जताया संदेह

जयराम रमेश ने जीएम खाद्य पर जताया संदेह

जयराम रमेश ने जीएम खाद्य पर जताया संदेह नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने जीएम फसल पर संदेह जताते हुए कहा, ‘क्या आप एक ऐसी कृषि व्यवस्था चाहते हैं जहां 95 प्रतिशत बीजों पर एक कंपनी का कब्जा हो।’

वर्ष 2010 में पर्यावरण मंत्री रहते हुए बीटी बैंगन पर रोक लगाने वाले रमेश ने जीएम खाद्य पर फिर से आगाह करते हुए कहा, ‘पोषण में कृषि के महत्व को पहचानने से लेकर जीएम फसल के लिए मामला बनाना एक बहुत छोटा कदम है।’

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को प्रथम हरित क्रांति और आज की हरित क्रांति के बीच मौलिक अंतर समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में पहली हारित क्रांति के लिए गेहूं और धान की नई किस्में क्रमश मैक्सिको स्थित सिम्मिट और फिलिपींस स्थित आईआरआई से आयी। पर आज हालात अलग हैं। फसल की नयी किस्में मोंसेटो और सिंजेंटा से आ रही है। ये वे दो विशाल कंपनियां है जो जीएम (अनुवांशिक अभियांत्रिकी) से परिवर्तित फसलों की सबसे बड़ी प्रायोजक हैं।’

रमेश ने यहां पोषण और कृषि के क्षेत्रों के विशेषज्ञों की एक सभा में यह सवाल उठाया। सभा का आयोजन जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य के विषय में विज्ञान पत्रिका लैंसेट की एक श्रृंखला रपट पर चर्चा के लिए था। इसमें एक अध्याय पोषण और कृषि के बीच संबंध विषय पर केंद्रित है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 30, 2013, 17:42

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