Last Updated: Monday, December 3, 2012, 17:58

सिंगापुर : भारत की बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनी जीएमआर को सोमवार को सिंगापुर उच्च न्यायालय से राहत मिली। न्यायालय ने मालदीव सरकार द्वारा माले हवाईअड्डा परियोजना का जीएमआर के साथ अनुबंध रद्द किए जाने के आदेश को स्थगित कर दिया। हालांकि, मालदीव सरकार ने इस आदेश का मानने से इन्कार कर दिया।
घरेलू राजनीतिक दबाव के मद्देनजर मालदीव सरकार द्वारा इस विवादास्पद परियोजना को रद्द किए जाने के बाद जीएमआर ने इस फैसले के विरुद्ध सिंगापुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। परियोजना के अनुबंध के मुताबिक यदि विभन्न पक्षों के बीच कोई मतभेद होता है तो या तो सिंगापुर या फिर ब्रिटेन का कानून लागू होगा।
जीएमआर ने सिंगापुर में एक बयान में कहा,‘सिंगापुर उच्च न्यायालय ने आज मालदीव सरकार के वित्त विभाग द्वारा 27 नवंबर को जारी पत्र के प्रभाव से राहत दी है।’
मालदीव सरकार के निर्देश के मुताबिक मालदीवियन एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (एमएसीएल) ने 27 नवंबर को जीएमआर को 2010 में तत्कालीन मोहम्मद नशीद के कार्यकाल में मिला अनुबंध रद्द कर दिया।
सिंगापुर हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद हालांकि,मालदीव सरकार ने आज यह साफ कहा कि उसका ‘फैसला अटल है और उस पर इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता।’ साथ ही उसने कहा कि किसी भी संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ ऐसा आदेश जारी नहीं हो सकता।
इधर जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुख्य कार्यकारी एंड्रयू हैरिसन ने कहा कि इस समझौते में सरकारी गारंटी दी गई थी और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
हैरिसन ने टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि‘रियायत समझौते का सम्मान किया जाना चाहिए और क्योंकि मालदीव सरकार इस की गारंटर थी।’ जीएमआर ने कहा कि इस कानूनी लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 3, 2012, 17:58