Last Updated: Thursday, May 31, 2012, 19:26
नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि घटकर पिछले नौ साल के न्यूनतम स्तर 6.5 प्रतिशत रह जाने पर निराशा व्यक्त करते हुये वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकार इसमें सुधार लाने के लिये आवश्यक कदम उठायेगी।
वित्त मंत्री ने आज जारी एक वक्तव्य में कहा, सरकार वित्तीय मोर्चे और चालू खाते में उपजे असंतुलन को दूर करने के लिये हर संभव कदम उठायेगी। सरकार के कदमों से मुद्रास्फीतिकारी धारणा को काबू में रखने और अर्थव्यवस्था को लेकर विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा घरेलू निवेश वृद्धि में भी सुधार आयेगा। प्रणव मुखर्जी केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन के वर्ष 2011-12 के आज जारी चौथी तिमाही में 5.3 प्रतिशत और सालाना वृद्धि के 6.5 प्रतिशत संशोधित आंकड़े पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। इससे एक साल पहले आर्थिक वृद्धि 8.4 प्रतिशत के उच्चस्तर पर रही थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में सख्ती और कमजोर वैश्विक धारणा के साथ साथ खनन क्षेत्र में पर्यावरण संबंधी मुद्दों के आड़े आने से अर्थव्यवस्था में कमजोरी छाई है।
उन्होंने कहा, ब्याज दर चक्र अब गिरावट पर है, खनन क्षेत्र की वृद्धि तेज हुई है, कोयला आधारित परियोजनाओं के लिये ईंधन संपर्क स्थापित करने के मामले में प्रगति हुई है और चौथी तिमाही में निवेश वृद्धि में सुधार आया है, जो कि पहले नकारात्मक बनी हुई थी। सामान्य मानसून की भविष्यवाणी और जनवरी मार्च के दौरान कंपनियों के सामान्य कामकाज को उन्होंने आने वाले दिनों के लिये बेहतर बताया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 31, 2012, 19:26