जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 5.5 फीसदी पर पहुंची

जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 5.5 फीसदी पर पहुंची

जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 5.5 फीसदी पर पहुंचीनई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी दलदल में फंसी है, इसका एक और सबूत चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की वृद्धि के आंकड़ों में साफ दिखता है। आज जारी इन आंकड़ों के अनुसार इस बार अप्रैल-जून तिमाही में विनिर्माण, खनन और कृषि क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) में एक वर्ष पहले की तुलना में मात्र 5.5 फीसद की वृद्धि हुई ।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही की तुलना में कुछ बेहतर है पर यह 2011-12 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर से काफी कम है जबकि वृद्धि आठ फीसद थी।

इससे पहले जारी अस्थाई आंकड़े के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की पहली जनवरी -मार्च, 12 की तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर नौ साल के निम्नतम स्तर 5.3 फीसद रही। पिछले वित्त वर्ष में सकल आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत थी।

आज जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक 30 जून को समाप्त तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र 0.2 फीसद रही जो औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती का सूचक है। पिछले साल इसी अवधि में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 7.3 फीसद थी।

समीक्षाधीन अवधि में खान और खदान क्षेत्र की वृद्धि दर 0.1 फीसद रही जबकि 2011-12 की पहली तिमाही में खनन क्षेत्र में 0.2 फीसद गिरावट दर्ज की गयी थी।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.9 फीसद रही जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 3.7 फीसद थी।
व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट और संचार खंड में अपेक्षाकृत कमतर चार फीसद की वृद्धि दर्ज हुई जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 13.8 फीसद थी।

बिजली, गैस और जलापूर्ति भी पहली तिमाही में घटकर 6.3 फीसद रह गई जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में आठ फीसद थी।

हालांकि निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जून की अवधि में 10.9 फीसद रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 3.5 फीसद थी।

बीमा और रीयल एस्टेट समेत सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर आंशिक बढ़ोतरी के साथ 10.8 फीसद रही जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9.4 फीसद थी। (एजेंसी)

First Published: Friday, August 31, 2012, 12:07

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