Last Updated: Tuesday, July 2, 2013, 17:45

नई दिल्ली : जेट-एतिहाद सौदे पर कुछ सांसदों की आपत्ति के बीच नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने 2,058 करोड़ रुपए के इस सौदे का यह कहते हुए मंगलवार को बचाव किया कि इसके विरोध में ‘राजनीति ज्यादा और सच्चाई कम है।’
सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘यह बहुत महत्वपूर्ण सौदा है- नागर विमानन मंत्रालय में पहला बड़ा सौदा। एफडीआई के संदर्भ में यह इस साल किसी अन्य सौदे से भी बड़ा है और इसके कई आयाम हैं। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह राजनीति अधिक कर रहे हैं और तथ्यात्मक बातें कम।’
जेट-एतिहाद सौदे पर सबसे पहले माकपा सांसद सीताराम येचुरी की अध्यक्षता वाली संसद की एक स्थायी समिति ने आपत्ति जताई जिसके बाद वरिष्ठ सांसदों- जसवंत सिंह और दिनेश त्रिवेदी व जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यन स्वामी ने भी आपत्तियां जताई हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने नागर विमानन मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों को इन चिंताओं का उल्लेख करते हुउ उन पर गौर करने को कहा है।
सांसदों व संसदीय समिति द्वारा उठाई गति आपत्तियों के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि मंत्रिमंडल इस पर चर्चा करे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मंत्रालय इस सौदे पर आपत्ति कर सकता है, सिंह ने कहा‘इसका सवाल ही नहीं उठता।’
उन्होंने कहा, ‘मुद्दा यह है कि यह राजनीति वाली बात है। वास्तव में चुनाव निकट आ रहे हैं और वे दिन-रात कभी इस मंत्री की तो कभी उस मंत्री की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन मैं समझता हूं कि ऐसा करते समय उन्हें तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए।’
इस बीच, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि इस (जेट एतिहाद) सौदे की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘एफआईपीबी को इस तरह के किसी भी सौदे को मंजूरी देनी होती है और कभी कभी वह स्पष्टीकरण मांग सकता हैं। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई सौदा रक गया है। सामान्य तरीके से इसकी जांच हो रही है और हर सौदे की जांच होती है।’
जेट एयरवेज को एक तरह से एतिहाद के हाथों बेचने के सांसदों के आरोप पर पलटवार करते हुए सिंह ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ 2007.08 में हुए द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते का हवाला दिया जिसमें दोनों पक्ष हवाई सेवाओं बढाने के अधिकारों को बढ़ाने पर सहमत हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें ऐसे समय में अतिरिक्त शहर (भारत में) दिए जब भारतीय एयरलाइनें उससे बहुत कम अवसरों का इस्तेमाल कर रही थीं। उस समय भी स्वामी थे, जसवंत सिंह भी उस समय थे और येचुरी भी थे। जसवंत सिंह को एक समस्या है, लेकिन हम उसी नियम का पालन कर रहे हैं जो उस समय से लागू है जब वह (जसवंत) रक्षा मंत्री थे।’
अबुधाबी के साथ समझौते के संबंध में उन्होंने कहा कि भारतीय एयरलाइनों ने और 55,000 सीटों की मांग की थी जबकि अबुधाबी ने 45,000 सीट मांगी थी। हमने उन्हें 36,000 सीटें दी।
उन्होंने जेट इतिहाद सौदे के बाद हुए द्विपक्षीय समझौते का बचाव करते हुए कहा, ‘हमें गेज परिवर्तन की सुविधा दी जो एमिरेट्स और कतर ने पहले इन्कार कर दिया। यह ऐसी सुविधा है जिसमें यात्रियों या सामान को एक विमान से दूसरे विमान में चढाए जाने के बावजूद उड़ान संख्या नहीं बदलती।’
अजित सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय ने भी जेट एतिहाद समझौते के बारे में कई स्पष्टीकरण मांगे और स्पष्टीकरण प्राप्त किए। इसी तरह इन कंपनियों को एफआईपीबी, सेबी और प्रतिस्पर्धा आयोग को संतुष्ट करना होगा। सिंह ने यह भी कहा कि संबंधित मंत्रालयों ने कैबिनेट नोट में कुछ संशोधन चाहा था पर उन्होंने उसका ब्यौरा नहीं दिया।
सिंह और खुर्शीद का बयान ऐसे समय आया है जब कि आज ही कैबिनेट सचिव एके सेठ ने संबंधित मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक बैठक की। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 2, 2013, 17:45