Last Updated: Friday, March 8, 2013, 21:33

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आय कर विभाग में 185 करोड़ रुपए जमाने कराने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। इस एयरलाइन कंपनी ने अपने कर्मचारियों के वेतन के स्रोत पर कर के रूप में यह रकम काटी थी।
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह धनराशि जमा कराने के लिये तीन सप्ताह की और मोहलत के किंगफिश्र एयरलाइंस के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया। न्यायालय ने इससे पहले, किंगफिशर को यह रकम जमा कराने के लिये चार सप्ताह का वक्त दिया था।
एयरलाइंस ने इस याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय के पांच दिसंबर के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च नयायालय ने कंपनी को 371 करोड़ रुपए में से 50 फीसदी आय कर विभाग में जमा कराने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने शेष धनराशि के बारे में छह सप्ताह के भीतर बैंक गारंटी देने का भी निर्देश दिया था।
किंगफिशर एयरलाइंस का तर्क था कि आय कर विभाग द्वारा की गयी मांग की तुलना में उसकी देनदारी बहुत कम बनती है और विभाग ने इस मामले में उसे अपना पक्ष रखने के लिये उचित अवसर भी प्रदान नहीं किया है। कंपनी का कहना था कि आय कर विभाग ने समुचित अवसर और समय दिये बगैर ही उसे नोटिस जारी कर दिये हैं।
आय कर विभाग का दावा था कंपनी ने कर्मचारियों के पारिश्रमिक पर स्रोत के रूप में कटौती सहित विभिन्न स्रोतों में कर की कटौती के बावजूद उसे जमा न करा कर गैरकानूनी तरीके से यह राजस्व रोक रखा है।
आय कर विभाग ने दिसंबर 2011 में वर्ष 2010-11 और 2011-12 के कर निर्धारण वर्ष के लिये रिकार्ड का विश्लेषण करने के बाद कंपनी से स्रोत पर कटौती के रूप में करीब 372 करोड़ रुपए के भुगतान की मांग की थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 8, 2013, 21:33