Last Updated: Tuesday, January 3, 2012, 08:48
नई दिल्ली : दूरसंचार मंत्रालय ने 3जी रोमिंग समझौतों के बारे में दूरसंचार कंपनियों की याचिकाओं को स्वीकार करने के मामले में क्षेत्रीय न्यायाधिकरण टीडीसैट के अधिकार क्षेत्र पर मंगलवार को सवाल उठाया। सरकार ने इन कंपनियों को 3जी रोमिंग समझौते बंद करने का निर्देश दिया था जिसके खिलाफ भारती एयरटेल व वोडोफोन सहित पांच कंपनियां टीडीसैट में चली गईं।
दूरसंचार विभाग की ओर से न्यायाधिकरण में उपस्थित हुए अतिरिक्त सालीसिटर जनरल एएस चांडिहोक ने न्यायाधिकरण को बताया कि उसे उन याचिकाओं पर विचार करने का अधिकार नहीं है जो दूरसंचार लाइसेंस की शर्तों को बदलने वाली हों।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने उन क्षेत्रों जहां कंपनियों के पास उचित स्पेक्ट्रम नहीं हैं, में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के बीच 3जी सेवाओं के लिए अंत: सर्किल रोमिंग समझौतों को अवैध बताया था। सरकार ने पांच कंपनियों को नोटिस जारी कर इस तरह की सेवाओं को तुरंत रोकने को कहा था। जिन कंपनियों को नोटिस जारी किया गया उनमें भारती, वोडाफोन, आइडिया, टाटा व एयरसेल है। इन कंपनियों ने सरकार के फैसले को टीडीसैट में चुनौती दी।
अतिरिक्त सालीसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा था कि न्यायाधिकरण उन याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकता जो लाइसेंस शर्तों को बदलने वाली हों। न्यायाधिकरण ने इस पर सरकार से अलग आवेदन दाखिल करने को कहा। अतिरिक्त सालीसिटर जनरल ने कहा कि इसे आज ही दाखिल कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही कंपनियों से भी उसके अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाली नयी याचिका पर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार नौ जनवरी को होगी। इस बीच सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने भी मौजूदा मामले में खुद को भी एक पक्ष बनाए जाने का आग्रह किया है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 3, 2012, 14:18