Last Updated: Tuesday, March 27, 2012, 11:58
नई दिल्ली : नार्वे की दूरसंचार कंपनी टेलिनॉर द्वारा 2जी लाइसेंस निरस्त होने की स्थिति में मुआवजे का दावा करने के बाद भारत सरकार ने मंगलवार को कहा है कि कंपनी के नोटिस की भारतीय कानून के दायरे में रहकर जांच की जाएगी। कॉरपोरेट कार्य मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि उन्होंने अभी टेलिनॉर का पत्र नहीं देखा है।
टेलिनॉर के भारतीय संयुक्त उद्यम को मिले 22 दूरसंचार लाइसेंस उच्चतम न्यायालय के फैसले के तहत निरस्त कर दिए गए। न्यायालय ने 2जी लाइसेंस आवंटन घोटाले में कुल मिलाकर 122 दूरसंचार लाइसेंस निरस्त कर दिया और स्पेक्ट्रम की नीलामी फिर से कराने का आदेश दिया है। नार्वे की कंपनी ने अपनी सिंगापुर इकाई के जरिये भारत सरकार को नोटिस भेजा है। नोटिस में उसने लाइसेंस निरस्त होने की समस्या का निदान नहीं होने की स्थिति में मामले को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में ले जाने की धमकी दी है।
मोइली ने संसद के बाहर संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि मैंने अभी पत्र देखा नहीं है। हम अपने मंत्रालय के कायदे कानूनों के तहत इसके कानूनी पहलुओं की जांच कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने की शुरुआत में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए.राजा के कार्यकाल में वर्ष 2008 दिए गए 122 मोबाइल लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। रद्द किए गए इन लाइसेंस में 22 लाइसेंस टेलिनॉर के संयुक्त उद्यम यूनीनॉर के हैं। टेलिनॉर के मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि मामले का भारतीय कानून के दायरे में रह कर परीक्षण करना होगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 27, 2012, 17:28