Last Updated: Monday, March 4, 2013, 19:53

नई दिल्ली : उत्पाद शुल्क या सेवा कर जमा नहीं कराने पर चूककर्ता (डिफॉल्टर) को गिरफ्तार किया जा सकता है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा लोकसभा में पेश वित्त विधेयक 2013 में यह प्रावधान है। प्रावधानों के अनुसार, यदि 50 लाख रुपये से अधिक के उत्पाद शुल्क या सीमा शुल्क की चोरी का मामला सामने आता है, तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। इसी तरह यदि 50 लाख रुपये से अधिक की सेवा कर की चोरी के मामले में गिरफ्तारी और सात साल तक की सजा हो सकती है।
वित्त विधेयक में धारा 91 को लागू करने का प्रावधान है। इसमें जुटाए गए सेवा कर को जमा नहीं कराने की स्थिति में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है। लेकिन यह गिरफ्तारी कम से कम केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधीक्षक स्तर का अधिकारी ही कर सकता है। इसमें सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 135 के तहत कम से कम चार अपराधों को गैर जमानती की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है। इसमें ऐसी किसी वस्तु का आयात या निर्यात शामिल है, जिसकी घोषणा कानून के प्रावधानों के तहत नहीं की गई हो और जिसका बाजार मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए।
इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी कर के शुल्क वापसी या सीमा शुल्क कानून के तहत शुल्क से छूट का लाभ लेता है, तो उस स्थिति में भी यह गैर जमानती अपराध होगा। सरकार ने यह कदम उत्पाद एवं सीमा शुल्क संग्रहण लक्ष्य से कम रहने के मद्देनजर उठाया गया है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2012-13 में सीमा शुल्क संग्रहण 1.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 1.87 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से काफी कम है। उत्पाद शुल्क के मामले में संग्रहण 1.72 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि लक्ष्य 1.94 लाख करोड़ रुपये का है। वर्ष के दौरान सेवा कर संग्रहण 1.33 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 1.24 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 4, 2013, 19:53