Last Updated: Monday, December 10, 2012, 18:29

नई दिल्ली : उद्योग मंडल फिक्की ने मांग की है कि आयकर विभाग को कर रिफंड की रफ्तार बढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही उद्योग मंडल ने कहा है कि सरकार को आगामी बजट में उत्तराधिकार कर संबंधित किसी तरह का कदम नहीं उठाना चाहिए।
फिक्की के अध्यक्ष आर वी कनोड़िया ने आज कहा, ‘‘करदाता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों में कर रिफंड की लंबित राशि को लेकर चिंतित हैं। सभी मामलों में रिफंड जल्दी किया जाना चाहिए, चाहे उस मामले का चयन आकलन के लिए किया गया हो।’’ राजस्व सचिव सुमित बोस को बजट पूर्व सिफारिशों में फिक्की ने विवाद निपटान तंत्र में सुधार की मांग करते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को तत्काल लागू किए जाने की मांग की।
कनोड़िया ने कहा, ‘‘इस तरह का कोई कर लगाना जिसमें प्रवर्तक को सिर्फ उत्तराधिकार कर अदा करने के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने पड़ी, एक प्रतिगामी कदम होगा। हम इस तरह के किसी कदम का मजबूती से विरोध करते हैं।’’ वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संपदा जोड़ने से संबंधित मुद्दे के हल के लिए कहा था कि अब समय आ गया है जबकि उत्तराधिकार कर लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा फिक्की ने सुझाव दिया है कि गार और पिछली तारीख से संशोधन पर पार्थसारथी शोम समिति की अंतिम रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके अलावा उद्योग मंडल ने नई सेवा कर व्यवस्था को स्पष्ट करने की मांग की है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 10, 2012, 18:29