Last Updated: Sunday, May 20, 2012, 07:14
नई दिल्ली : सस्ता टैबलेट आकाश के लिए छात्र टकटकी लगाए हुए हैं, लेकिन अभी तक प्रारंभिक खेप की भी पूरी आपूर्ति नहीं हो पाई है, वहीं इसके उन्नत संस्करण में भी देरी हो रही है। देश मे 22 करोड़ आकाश की जरूरत को देखते हुए नए सिरे से निविदा की भी तैयारी की जा रही है।
इस सबके बीच भारत संचार निगम लिमिटेड, कोबियन, तिरुवनंतपुरम स्थित टेलीकाम डेवेपलमेंट लैब जैसी कई कंपनियों के मैदान में उतरने से आकाश की चुनौती और बढ़ गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आकाश का उद्देश्य कारोबार नहीं है, बल्कि बच्चों को सूचना संचार प्रौद्योगिकी से जोड़ना है ताकि शिक्षा को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा सके। आकाश सबसे सस्ता टैबलेट है जिसकी कीमत महज 2,276 रुपए है और सरकार इस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है।
आकाश को कड़ी चुनौती देते हुए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) सात इंच का सस्ता टैबलेट पेश करने जा रही है जिसकी कीमत 3,250 रुपए है। यह 2.3 ऑपरेटिंग सिस्टम, 1 गीगाहर्ट्ज के प्रोसेसर, 256 एमबी रैम, 2 जीबी मेमोरी और वाईफाई सुविधा से लैस है। दूसरी ओर, कोबियन ने सात इंच का टैबलेट पेश किया है जिसकी कीमत 3,999 रुपए रखी गई है। यह 2.3 ऑपरेटिंग सिस्टम, 1 गीगाहर्ट्ज के प्रोसेसर, 512 एमबी रैम, 4 जीबी आंतरिक स्टोरेज क्षमता से लैस है।
तिरुवनंतपुरम स्थित टेलीकाम डेवेपलमेंट लैब भी इस प्रतिस्पर्धा में सामने आ गया है हालांकि इसके टैबलेट ‘दक्ष’ की कीमत करीब पांच हजार रुपए है। कुछ समय पहले मीडिया में खबरें आई थी कि आकाश की खूबियों को बेहतर बनाने पर इसकी कीमत बढ़कर 100 डॉलर यानी 5000 रुपए हो सकती है। इन खबरों से इंकार करते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर ऐसा हुआ तो आकाश का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।’
(एजेंसी)
First Published: Sunday, May 20, 2012, 12:44