'ट्राई के सिद्धांत का किया जाएगा अध्ययन' - Zee News हिंदी

'ट्राई के सिद्धांत का किया जाएगा अध्ययन'

 

दिल्ली : दूरसंचार आपरेटरों के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि ट्राई के दरों में मामूली इजाफे के दावे का अध्ययन करने बाद वह यह बताएगा कि दरें कैसे दोगुनी हो जाएंगी। कुछ दिन पहले ही दूरसंचार कंपनियों ने दरों में दोगुनी वृद्धि होने का दावा किया था।

 

सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा, हम ट्राई की गणना की समीक्षा करेंगे। हम देखना चाहते हैं कि उनका आकलन क्या है और उन्होंने किस आधार पर कहा है कि दरों में प्रति मिनट सिर्फ एक या दो पैसे का इजाफा होगा।

 

प्रमुख दूरसंचार आपरेटरों ने कहा है कि स्पेक्ट्रम नीलामी पर यदि ट्राई की सिफारिशें लागू की गईं, तो मोबाइल की कॉल दरों में 25 से 30 फीसदी का इजाफा होगा और कुछेक सर्किलों में तो दरें 100 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ट्राई की गणना की समीक्षा के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाता अपनी गणना दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल और दूरसंचार सचिव आर चंद्रशेखर को भेजेंगे।

 

मैथ्यू ने कहा, ट्राई की गणना को देखे बिना हमारे लिए अपनी गणना भेजना उचित नहीं होगा। समझा जाता है कि भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल, वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी विट्टारियो कोलाओ, आइडिया सेल्युलर के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, टेलीनॉर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन फ्रेडरिक बकसास और वीडियोकॉन के शीर्ष अधिकारी सिब्बल से मुलाकात करेंगे। दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक आपरेटरों द्वारा दरों में बढ़ोतरी सहित विभिन्न दावों के बारे में प्रमाण देने के बारे में होगी।

 

एक अधिकारी ने कहा, आपरेटरों ने वादा किया है कि वे मंत्री से मिलने के छह घंटे के भीतर अपने दावों के समर्थन में प्रमाण देंगे। हम बृहस्पतिवार को उनकी ओर से कुछ मिलने की उम्मीद कर रहे थे, पर अभी तक उन्होंने कुछ नहीं दिया है। मंत्री ने अब उन्हें सोमवार का समय दिया है। ट्राई ने एक मेगाहट्र्ज के अखिल भारतीय स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य 3,622 करोड़ रुपये रखने का सुझाव दिया है। यह तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में 2008 में 4.4 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के साथ दिए गए लाइसेंस के मूल्य का लगभग दस गुना बैठता है।

 

स्पेक्ट्रम आवंटन सिफारिशों के तहत ट्राई ने स्पेक्ट्रम की रिफार्मिंग का प्रस्ताव किया है। इसके तहत मौजूदा कंपनियां उच्च फ्रीक्वेंसी वाला 1800 मेगाहट्र्ज का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल कर सकेंगी, जो फिलहाल निचली फ्रीक्वेंसी वाला 900 मेगाहट्र्ज का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल कर रही हैं।  (एजेंसी)

First Published: Sunday, May 6, 2012, 15:19

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